Thursday, November 21, 2024

आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के प्रवचन से प्रभावित होकर जैनेत्तर लोगों ने किया माँस मदिरा का त्याग

गुंसी, निवाई। श्री दिगंबर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुंसी राजस्थान के तत्वावधान में 1008 दिवसीय श्री जिनसहस्रनाम का अखंड मंगल पाठ गुरु माँ विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में चल रहा है। गुरु भक्त महेश मोटूका एवं शैलेंद्र संघी द्वारा आज की शांतिधारा कराई गई। तत्पश्चात गुरु माँ के मुखारविंद से भव्य जीवों को मोक्षमार्ग प्रशस्त करने के लिए सदुपदेश का आयोजन हुआ। प्रवचन देते हुए माताजी ने कहा कि – संसार का प्रत्येक प्राणी सुख चाहता है। परंतु भ्रम बुद्धि के वश होकर दुःख के साधनों में ही सुखों को खोजता आ रहा है। मांस खाना, शराब पीना यह सब दुखों को देने वाले हैं। इंसान की पहचान मांस, मदिरा, जुआ से नहीं बल्कि सदाचरण, इंसानियत से होती है। धर्म सभा में उपस्थित जैनेत्तर लोगों ने त्याग धर्म से प्रभावित होकर मांस – मदिरा का आजीवन त्याग करने का संकल्प लिया। आगामी 1 जनवरी 2024 का प्रारंभ प्रभु भक्ति के साथ 108 कलशों द्वारा जिनेंद्र भगवान का मस्तकाभिषेक सहस्रकूट विज्ञातीर्थ के सदस्य एवं ट्रस्टियों द्वारा सम्पन्न कराया जावेगा।

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