चक्रवर्ती विवाह धर्म संस्कृति और संस्कार का सन्देश देता है: विजय धुर्रा
अशोक नगर। दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी पूरी तरह बदल गया है जब उन्नीस सो सतासी में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ससंघ के साथ हमने चातुर्मास किया था तव यहां कुछ विशेष सुविधाए नहीं थी आज थूवोनजी पूरी तरह वदल वदलआ लग रहा है बहुत काम हुआ यहां पर एक वात है यहां सुकून वैसा ही वना है जो वर्षो पहले था यहां सब कुछ नया देखने को मिल रहा है यहां जो आप बड़े बाबा की स्तुति आराधना कर रहे हैं इससे आपके परिवारो और तीर्थ दोनों का ही विकास हो रहा है उक्त आश्य केउद्गार आचार्य श्रीआर्जवसागर जीमहाराज ने थूवोनजी में भक्तो के वीच गत दिवस व्यक्त किए।
आस पास के भक्तो को मिलता है सौभाग्य: विपिन सिघई
इसके पहले चक्रवर्ती विवाह के वंधन में वधने वाले वर वधू ने आचार्यश्री ससंघ के चरणों में श्री फल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने मुख से शान्ति धारा करने का निवेदन किया इसके पहले तीर्थ क्षेत्र कमेटी के महामंत्री विपिन सिंघई ने कहा कि आचार्य श्रीआर्जवसागर जीमहाराज ससंघ केसान्निध्य में हमें अशोक नगर में चातुर्मास मिला अव थूवोनजी में भी सान्निध्य मिले यहां प्रति दिन मुंगावली पिपरई अशोक नगर सहित आस-पास के भक्तो के काफिले आते हैं जो पूजन अभिषेक करते हैं।
तीर्थ क्षेत्र कमेटी सभी को अपने यहां वुलना चाहते हैं: विजय धुर्रा
इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र कमेटी सभी को यहां बुलाना चाहते हैं यहां हर प्रकार की सुविधा विकसित की जा रही है यहां चक्रवर्ती विवाह करने के लिए अछरोनी परिवार एवं बड़वानी जिले से बड़जात्या परिवार आये है इनका थूवोनजी कमेटी अभिनन्दन करती है परम पूज्य निर्यापक श्रमणमुनिपुंगव श्रीसुधासागर जी महाराज ने चक्रवर्ती विवाह की प्रेरणा दी है तव से अनेक पड़े लिखे नौजवान चक्रवर्ती विवाह कर अपने धर्म संस्कृति संस्कारों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
यहां के आओ हवा और प्रकृति सौंदर्य को सभी देखें
इस दौरान आचार्य श्री ने कहा कि ये ऐसा तीर्थ है कि यहां आप खोज करते जाये और नया नया पता लगाते जाये यहां के प्रकृति सौंदर्य और आमो हवा को तो आने वाले सभी यात्री महसूस करते हैं लेकिन थूवोनजी में जो आध्यात्मिकता के साथ सूकून विखरा पड़ा है उसके लिए आपको मन लगाना पड़ेगा यह कोने कोने में आप प्रकृति का आनंद अध्यात्म को जोड़ कर लें सकते हैं और आपने जी में शान्ति को पा सकते हैं शान्ति धारा करने का मिला सौभाग्य दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी के खड़े बाबा भगवान आदिनाथ स्वामी का एक सौ आठ कलशों से अभिषेक किया गया इसके बाद परम पूज्य आचार्य श्रीआर्जवसागर जी महाराज के श्री मुख से जगत कल्याण की कामना के लिए महा शान्ति की गई जिसका सौभाग्य अजनास बड़वानी निवासी बड़जात्या परिवार अछरोनी परिवार भोपाल परिवार अजंनास परिवार के साथ वर वधू अनिमेष मुस्कान बड़जात्या सहित अन्य भक्तों को मिला जिनका सम्मान कमेटी के परम संरक्षण शैलेन्द्र दददा मंत्री प्रदीप रानी सोनू वगुल्या वाटा वन्धू विकास जैन संजीव जैन पिपरई सोनू जैन ने किया।
दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी में विराजमान आचार्य श्रीआर्जव सागरजी महाराज ससंघ को दर्शनोदय तीर्थ थूवोनजी कमेटी के अध्यक्ष अशोक जैन टींगू उपाध्यक्ष राकेश अमरोद महामंत्री विपिन सिंघाई मंत्री राजेन्द्र हलवाई प्रचार मंत्री विजय धुर्रा आडिटर राजीवचन्देरी शैलेन्द्र दददा सोनू वगुल्या वाटा वन्धू विकास जैन संजीव कुमार सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट किए।
हम भक्ति करने के साथ भक्त भी वने: आचार्यश्री
उन्होंने कहा कि हमने भगवान की भक्ति तो की है लेकिन भक्त नहीं वन पाए जिंदगी को सफल बनाने के लिए अपने दिन कि सफलता के लिए जिनेन्द्र देव के कलश ढालने का सौभाग्य मिले तो जरूर करना चाहिए आप लोग की किलोमीटर दूर से रोज रोज यहां आकर भगवान का अभिषेक पूजन अभिषेक के साथ जगत कल्याण की कामना के लिए शान्ति धारा करते हैं तो आप अपने लिए नहीं संसार के सभी जीवों के सुख की कामना करने से जो पुण्य मिलेगा वह जन्म जन्म तक तुम्हारे साथ जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जन्म जन्म की भावनाओं का परिणाम है कि आपको उच्च कुल योग भूमि जाति मिली तो इनका दुरुपयोग मत करना जो कुछ भी तुम्हारे पास है ये तुम्हें अभिशाप ना दे दें जिस भारतीय भूमि पर जन्मे हो ये लक्ष्मी तुम्हारे पास आई है इसका सदुपयोग इन तीर्थो के विकास उन्नति के लिए करें।