मैं भी एक वैद्य हूं।
मैंने इसको अपने गुरु से सीखा है और आज भी वे ना ही कोई फीस लेते हैं हा दवा उनको ही मगवानी पडती है क्योंकि किसी की भलाई करना अच्छा लगता है और साथ ही या एक सँकल्प है अच्छे वैद्यों की पहचान का।
मैं हाथ की नब्ज देखकर ही ईलाज करता हूं, साथ में कुछ बातें मरीज से पूछनी भी पड़ती है जैसे पेट ,आँख, भूख की स्थिति क्योंकि कभी-कभी एक हाथ की नब्ज कुछ और बताती है
व दूसरे हाथ की कुछ और बताती हैं।
कभी कभी किसी की ज्यादा कमजोरी की वजह से नाडी दुर्बल हो जाती है।
नब्ज सुबह खाली पेट ही देखी जाती है क्योंकि
सुबह नब्ज शांत होती है और साध्य असाध्य रोग का सही पता चल जाता है।
हमारा शरीर वात,पित और कफ इन तीन दोष के ऊपर टिका हुआ है।
इनके दूषित होने से ही हमारे शरीर का बैलैस बिगड़ता है और शरीर बीमार होता है।
वात मतलब वायु शरीर का स्तंभ है शरीर की सारी गति वात के अधीन है।
पित्त हमारा खाना पचने में मदद करता है।
और कफ खाना से रस सोखने में कारगर है।
दोषो की कुपित होने से कौनसा रोग होता हैं ये हमे पता होता है अतः हम सिर्फ दोष को सही करते हैं दूष्य तो अपने आप सही हो जाता है।
आजकल हर कोई देशी नुस्खे और दादी मां के नुस्खे बताकर अपना इलाज कर रहा है।
कुछ ऐसे बीमारी भी होती हैं जिनके बारे मे पता चल जाता हैं कि इसमें किस दोष की विकृति है।
इसी आयुर्वेद पद्धति के द्वारा सबको बताने के लिये मैने यूट्यूब चेनल शुरु किया हैं जिसमें मैं नॉर्मल जानकारी आयुर्वेद दवा और बिमारी की देता रहता हूं।
आप चाहो तो जुड सकते हैं।और वीडियो देखने पर लगेगा की आयुर्वेद क्या है?
लोग आजकल यूट्यूब पर लोग इलायची और लहसुन से उपकार बता रहे हैं ये गलत है।
ये सिर्फ एक डाईट हो सकती हैं किसी बीमारी का ईलाज नहीं हो सकता,
अतः आप ऐसी चीज से बचो। लेकिन किसी भी समस्या के लिए सलाह जरुर ले सकते है।