Saturday, September 21, 2024

जनकपुरी में हुई अहिंसक शाकाहार पर संगोष्ठी

आचार्य वसुनन्दी के आह्वान “अहिंसक अहार “ को जाने समझे व अपनाये: मुनि ज़िनानन्द

जयपुर। जनकपुरी ज्योति नगर जैन मंदिर में आचार्य वसुनन्दी महाराज के शिष्य मुनि सर्वानन्द मुनि जिनानंद व मुनि पुण्या नन्द महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में “अहिंसक शाकाहार” विषय पर एक विचार गोष्ठी राजस्थान जैन साहित्य परिषद एवं धर्म जागृति संस्थान राजस्थान द्वारा रविवार को प्रात: आयोजित की गई। जनकपुरी प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने भगवान नेमिनाथ की पावन धरा जनकपुरी में सभी का शाब्दिक स्वागत अभिनंदन किया। मंगलाचरण शकुन्तला बिंदायक्यI व मंजु पाटनी ने तथा दीप प्रज्वलन डा० इंद्र कुमार जैन ने किया । मुख्य वक्ता डा० किरण प्रकाश शास्त्री व साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ विमल कुमार शास्त्री के सम्मान के बाद गुरु आज्ञा प्राप्त कर संगोष्ठी संयोजक महावीर चाँदवाड ने मुख्य वक्ता को संबोधन हेतु आमंत्रित किया। शास्त्री जी ने अहिंसा, अहिंसक आहार व शाकाहार का शास्त्रोक्त विवेचन किया तथा गुणस्थानो पर हिंसा की चर्चा में बताया कि जहाँ तक मोह है वहाँ तक हिंसा है और मोह ग्यारहवें गुणस्थान तक रहता है। इन्होंने कहा कि कोई भी प्राणी जन्म से माँसाहारी नहीं होता। वर्तमान में चल रहे लाल और हरे निशान पर चर्चा में बताया कि हमें बंद पेकट पर लिखे ई (E) वर्णन की भी पूरी जानकारी करनी चाहिए। इस संबंध में भागचंद जैन मित्रपुरा की जिज्ञासा में बताया कि यिस्ट आदि मांसाहारी है ।इस पर सभी ने फिर कभी गहन व लम्बी चर्चा रखने की भावना व्यक्त की। मुनि ज़िनानंद जी ने कहा कि पूज्य गुरु वसुनंदी जी ने जैन धर्म के सिद्धांत को परिपालना के क्रम में वीर निर्वाण स० 2550 को अहिंसकाहार वर्ष मनाने हेतु आह्वान किया है। शाकाहार मन को निर्मल करता है तथा रात्रि भोजन पर शास्त्रों में गंभीर टिप्पणी बाबत बताया। मुनि श्री ने सभी को रात्रि भोजन त्याग करने हेतु प्रेरित किया। आचार्य विद्यासागर जैसे राष्ट्र संत के बारे में बताया गया कि उन्होंने हरि वस्तु का भी त्याग कर रखा है। साहित्य परिषद के अध्यक्ष ने इस तरह के बड़े आयोजन आचार्य वसुनंदी जी के सानिध्य में शीघ्र ही करने का प्रस्ताव दिया। धर्म जागृति संस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि पूरे देश में राजस्थान प्रांत ने ऐसे कार्यक्रम की शुरुआत की है। पूरे वर्ष के कार्यक्रम व सेल्फ़ी स्टैंड आदि के बारे में बताते हुए कोषाध्यक्ष पंकज लुहाड़िया ने सभी को सेल्फ़ी स्टैंड पर आकर शाकाहार के नियम लेने हेतु आग्रह किया और देखते देखते सैकड़ों सदस्यों ने सेल्फ़ी स्टैंड पर आकर नियम की तख्ती के साथ फ़ोटो खिंचवायी। सभा में परिषद के महेश चाँदवाड , हीरा चंद बैद , सुभाष चौधरी ,सुदर्शन पाटनी ,संस्थान के ज्ञान चंद जैन ,सुनील पहाड़िया ,महेश काला ,सुनील सेठी ,सोभाग अजमेरा ,राजेंद्र ठोलिया ,सुरेश शाह ,मयंक पाटनी , राजेंद्र पापड़ीवाल जनकपुरी के देवेंद्र कासलीवाल ,मिश्री लाल काला ,धन कुमार शाह ,महावीर बिंदायक्यI ,नवीन सेठी , अजय जैन मीरा मार्ग के सुशील पहाड़िया सहित समाज के गणमान्य सदस्यों की सहभागिता रही ।संगोष्ठी का समापन साहित्य परिषद व धर्म जागृति संस्थान राजस्थान प्रान्त को मुनि श्री के विशेष आशीर्वाद के साथ हुआ।

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