Sunday, November 10, 2024

निर्यापक मुनिपुंगवश्री ससंघ का कमला नगर जैन मदिर में हुआ मंगल प्रवेश

भक्तों ने की गुरुदेव की अगवानी

आगरा। 1 दिसम्बर को आगरा के कमला नगर स्थित श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर डी ब्लॉक में निर्यापक मुनिपुंगवश्री सुधासागर जी महाराज ससंघ का 14 वर्षों के बाद ऐतिहासिक मंगल प्रवेश हुआ। कमला नगर पहुंचते ही मुनिश्री की अगवानी को सकल दिगम्बर जैन समाज कमला नगर उमड़ पड़ा। निर्यापक मुनिपुंगवश्री सुधासागर जी महाराज ससंघ एवं मुनिश्री अरहसागर जी महाराज का मंगल विहार प्रातः 8:00 बजे एमडी जैन इंटर कॉलेज हरीपर्वत से आजाद पेट्रोल पम्प,यस बैंक,सूरसदन चौराहा एम.जी.रोड,नेहरू नगर पेट्रोल पंप, बाईपास,सुल्तानगंज की पुलिया से विकास मार्केट होते हुए कमला नगर पहुंचे,जहां बड़ी संख्या में भक्त मुनिश्री की अगवानी को प्रतीक्षारत थे। मुनिसंघ के विकास मार्केट पहुंचने पर गुरुवर का जोरदार भव्य स्वागत किया गया। मुनिश्री की अगवानी देखते ही बनी। समाज का हर वर्ग मुनिसंघ की अगवानी को अति उत्सुक नजर आया। पूरे कमला नगर मार्ग को बहुत सुंदर रंगोली से सजाया गया| बैंड बाजों के साथ महिलाएं एवं पुरूष वर्ग सभी ने इसमें सहभागिता की। मुनिसंघ के कमला नगर पहुंचने के उपरांत सर्वप्रथम मूलनायक भगवान महावीर स्वामी के दर्शन किए| इसके बाद मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पीएनसी परिवार को निर्यापक मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज के चरणों का प्रक्षालन करने सौभाग्य मिला। भक्तों ने शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया। साथ ही मुनिश्री के समक्ष श्रीफल भेंट करने के बाद सभी ने क्रमानुसार आशीर्वाद प्राप्त किया। पीएनसी परिवार एवं रोहित जैन,आलोक जैन अहिंसा की ओर से दीप प्रज्जवलित किया| इसके बाद कमला नगर की महिलाओं ने सामूहिक रूप से मुनिपुंगवश्री का पूजन किया। इसी दौरान भक्तों को मुनिपुंगवश्री धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बात तो तुम इतना देखकर सावधानी से चलो कि काँटा लगे ही नही, लेकिन काँटा लग जाने के बाद अब एक काँटा और लाओ। दोनो काँटे में अंतर है- एक जो अबुद्धि, प्रमाद, अज्ञानतापूर्वक लगता है वो काँटा दुःख देता है, दूसरा काँटा हमने खोजा है, जिस काँटे को हमने खोजा वो काँटा दुःख नही देता बल्कि दुःख को दूर करके सुखी करता है। तुम संसार मे रहकर इतने कांटे लगा लेते हो कभी क्रोध का, कभी मान, माया या लोभ का। इतने काँटे लगा लेते हो उनको निकालने के लिए हमे ये मन्दिर रूपी काँटा बनाना पड़ता है। जिनेंद्र देव को सिद्धालय से उतरकर यहाँ आना पड़ता है। दूसरे काँटे को बड़ी सावधानी से खोजते है। पाप, विनाश अशुभ कार्य के लिए कोई सावधानी नही चाहिए, वो तो हो जाते है लेकिन अशुभकार्य करने के बाद जो बन्ध होता है और उसके फल की जब बारी आती है, तब व्यक्ति को लगता है मेरे अशुभकर्म का परिहार हो। इसलिए जिनवाणी माँ ने, गुरुओं ने आप लोगो के मकानों के बीच मे जिनेंद्रदेव भगवान को हमेशा के लिए बैठाल दिया। कुछ रास्ते ऐसे होते है जिनमे कांटे लगेंगे ही लगेंगे, जब काँटा लगना निश्चित है तो निकालने वाला काँटा भी पहले से जेब मे रख लो न देव- शास्त्र- गुरु की गृहस्थ संगति करता है इसलिए नही कि उसे मोक्ष जाना है, इसलिए करता है मैं जिस संसार मे रह रहा हूँ उसमे सुख पूर्वक रहूँ। धर्म को अपन जब देते है तो दुनिया मे घोषणा करते है और धर्म हमे जब देता है तो कानो भी खबर नही देता। मंच का संचालन मनोज जैन बाकलीबाल द्वारा किया गया| मीडिया प्रभारी शुभम जैन ने बताया कि मुनिपुंगव श्री सुधा सागर जी महाराज के मंगल प्रवचन प्रतिदिन प्रात 8:30 बजे एवं जिज्ञासा समाधान साय: 5:30 बजे से साय:6:30 बजे आचार्य विद्यासागर संत निलेय कमला नगर में होंगे|इस अवसर पर प्रदीप जैन पीएनसी,चक्रेश जैन, योगेश जैन,जगदीशप्रसाद जैन,मनोज जैन बाकलीवाल,नीरज जैन जिनवाणी अनिल जैन,अनिल जैन रईस,नरेश जैन,निर्मल मोठ्या,अमित जैन बॉबी, हरीश जैन नायक,अंकेश जैन,राकेश बजाज,पवन जैन चांदीवाले,राजकुमार गुड्डू,शुभम जैन समस्त ग्रेटर कमला नगर जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

रिपोर्ट: शुभम जैन

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