Saturday, September 21, 2024

सहस्रकूट जिनालय का होगा भव्य शुभारंभ: गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी

गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी , जिला – टोंक (राज.) में विराजित गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ धर्म की महती प्रभावना कर रही हैं । दिनांक 10 दिसम्बर 2023 को गुरु माँ ससंघ के पिच्छिका परिवर्तन व सहस्रकूट जिनालय के भव्य शुभारम्भ का आयोजन होने जा रहा है। अतः आप सभी कार्यक्रम में पहुंचकर कार्यक्रम के साक्षी बनें । प्रतिदिन यात्रीगण अभिषेक शांतिधारा करने के लिए क्षेत्र पर पहुंच रहे हैं। माताजी ने सभी को धर्मोपदेश देते हुए कहा कि – जीवन में बुद्धि आवश्यक है क्योंकि यह हमें बेहतर निर्णय लेने और स्पष्टता तथा अंतर्दृष्टि के साथ कठिन परिस्थितियों से निपटने में मदद करती है। यह लोगों को जीवन के अर्थ की पहचान कराती है। बुद्धि हमें चीजों के सतही स्तर से परे देखने और हमारे कार्यों के गहरे अर्थ तथा निहितार्थ को समझने की अनुमति देती है। यह हमें नैतिक मूल्यों को विकसित करने और दूसरों को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम करने में मदद करती है। विवेक के बिना, हम आवेगपूर्ण निर्णय ले सकते हैं या अधूरी जानकारी पर कार्य कर सकते हैं, जिससे हमारे और हमारे आस-पास के लोगों के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, व्यक्तिगत विकास, सफलता और जीवन में खुशी के लिए बुद्धि का विकास होना महत्वपूर्ण है। जीवन में ज्ञान से अधिक बुद्धि का महत्व होता है क्योंकि ज्ञान आपको परिकलित जोखिम लेने की दिशा प्रदान करता है। अनुभव और परिस्थिति पर नियंत्रण के बिना जोखिम उठाना आपदा का कारण बन सकता है।

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