गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला- टोंक (राज.) में विराजमान गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में धर्म ध्यान, साधना, स्वाध्याय की श्रृंखला प्रतिदिन बना हुआ। साथ ही भक्तों का तांता भी दर पर लगा रहता है। पूज्य माताजी के मुखारविन्द से अभिषेक शांतिधारा करने कर लिए निवाई , कोटा आदि स्थानों से भक्तों का मेला लगा है। पूज्य माताजी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि विचार उपजते हैं वृत्तियों से। उन वृत्तियों से, जो हमारे अच्छे या बुरे होने का निर्धारण करती हैं। किसी साधारण व्यक्ति को महानता की ओर ले जाने वाले हमारे विचार ही होते हैं। हमारी भीतरी वृत्तियां हमारी दिशा निर्धारित करती है कि हम किस ओर जा रहे हैं। अच्छाई की ओर या बुराई की ओर। लेकिन मात्र वृत्तियों से इस बात की पहचान नहीं हो सकती कि अमुक व्यक्ति अच्छा है या बुरा। वृत्तियों को अभिव्यक्ति देते हैं उसके विचार और विचारों से ही यह तय किया जा सकता है कि वह व्यक्ति कैसा है। विचार हमारी सकारात्मक या नकारात्मक वृत्तियों को अभिव्यक्ति देते हैं। यदि हम सकारात्मक वृत्तियों को अपनाते है, तो निश्चित तौर पर हमारे विचार भी अनुकरणीय होंगे। आगामी 10 दिसम्बर 2023 को होने वाले पिच्छिका परिवर्तन एवं 108 फीट उत्तुंग कलशाकार सहस्रकूट जिनालय के भव्य शुभारम्भ में सम्मिलित होकर इस सुअवसर में साक्षी बनकर पुण्यार्जन करें।