जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर में आचार्य वसुनंदी जी महामुनिराज के शिष्य मुनि त्रय सर्वानन्दजी, ज़िनानन्दजी व पुण्या नन्दजी मुनिराज के प्रवास से धर्म प्रभावना की बयार चल रही है। प्रबंध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि गुरुवार को प्रातः धर्म सभा में मुनि ज़िनानन्दजी ने अपने प्रवचन में कहा कि यह संयोग है कि आपको सुयोग मिला है जिसका लाभ लेना आप पर निर्भर है। हर योग के दो पहलू है सुख – दुख, लाभ – हानि, शुभ- अशुभ, पाप – पुण्य। यदि आप शुभ के सम्पर्क में है तो लाभ ही लाभ है। मनुष्य का दुश्मन पाप है जिनका क्षय प्रायश्चित से ही संभव है। दिन में स्वाध्याय व शाम को आरती का कार्यक्रम हुआ। सभा में दीप प्रज्वलन प्रकाश गंगवाल, सुरेश काला व सोनिया बाँदीकुई द्वारा किया गया। आदर्श नगर मन्दिर से पधारे पंकज नवलखा आदि ने मुनिसंघ को प्रवास हेतु श्रीफल भेंट किया साथ ही त्रिवेणी से महावीर प्रसाद व मीरा मार्ग से राजेंद्र झंडावाला भी सभा में उपस्थित रहे।