Sunday, November 24, 2024

पुरूषार्थ और परोपकार करने वाला इंसान मानव भव को सार्थक बना सकता है: महासाध्वी प्रितीसुधा

भीलवाड़ा। संसार में सबसे श्रेष्ठ भव मानवभव। बुधवार शांतिभवन भोपालगंज में महासाध्वी डॉ.प्रितीसुधा ने चातुर्मास विहार के प्रश्चात प्रथम धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि संसार में मनुष्य भव मिलना अत्यंत दुर्लभ है फिर भी इंसान मानव योनी को प्राप्त करने बाद जीवन में पुरूषार्थ और परोपकार नहींं करता है और राग-द्वेष और मोह-माया मे जीवन को व्यतित करने वाला मनुष्य अपनी आत्मा को संसार में जन्म और मृत्यु के फेरो से नहींं रोक सकता है। वही मनुष्य संसार से आत्मा को बाहर निकाल सकता है जो संसार की नश्वरता और मोह माया का त्याग करेगा तो वह मानव भव सार्थक बना सकता है। साध्वी संयमसुधा ने भजन के माध्यम अपने विचार रखें। शांति भवन के उपाध्यक्ष सुशील चपलोत ने जानकारी देतें हुए बताया इसदौरान अनेक गणमान्य अतिथियों के अलावा श्री शांतिभवन के अध्यक्ष महेन्द्र छाजेड़,नवरतन मल बम्ब,राजेन्द्र चीपड़,मनोहरलाल सूरिया, बाबूलाल सूर्या प्रवीण कोठारी एवं शांति जैन महिला मंडल की प्रेरणा लोढ़ा,नीता बाबेल, लाड़जी मेहता,स्नेहलता चौधरी आदि ने एस. एस.पी ग्रुप और से सुनिल चपलोत को शोल माला और पारितोषिक देकर श्रीसंघ ने सम्मानित किया गया। गुरूवार को साध्वीवृंद न्यू आजाद नगर के नाथकंवर स्वाध्याय भवन तथा 1 दिसम्बर शुक्रवार को सज्जन विलास कॉलोनी ललित-नीता बाबेल के निवास स्थान पर प्रातः09:00 बजे से10:00 बजें तक साध्वी मंडल के सानिध्य मे सामूहिक जाप रखा गया है।

रिपोर्ट: निलिष्का जैन

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