वीर लोकाशाह जयंति पर श्री अरिहन्त विकास समिति ने समर्पित की आदर की चादर
सुनील पाटनी/भीलवाड़ा। शहर के चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में सोमवार को मरूधरा मणि महासाध्वी श्रीजैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या वात्सल्यमूर्ति महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. के सानिध्य में पांच माह के चातुर्मास का अंतिम दिवस वीर लोकाशाह जयंति के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर चातुर्मास आयोजक श्री अरिहन्त विकास समिति की ओर से पूज्य महासाध्वी डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा. को प्रबुद्ध चिन्तिका एवं पूज्य महासाध्वी डॉ. समीक्षाप्रभाजी म.सा. को आगम रसिका की उपाधि से अलंकृत किया गया। श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने पूज्य साध्वी द्धय को उपाधि से अलंकृत करते हुए अभिनंदन पत्र के साथ आदर की चादर समर्पित की। आदर की चादर दोनों महासाध्वियों को साध्वी मण्डल एवं श्राविका मण्डल की सदस्यों ने ओढ़ाई। पूज्य महासाध्वी डॉ. दर्शनप्रभाजी एवं डॉ. समीक्षाप्रभाजी को आदर की चादर समर्पित करने से पूर्व अभिनंदन पत्र का वाचन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा ने किया। उन्होंने कहा कि पूज्य महासाध्वीजी को यह उपाधि प्रदान कर संघ स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रहा है। ये संघ का सौभाग्य है कि उसे पहले चातुर्मास में ही ऐसे महासाध्वी मण्डल का आशीर्वाद व सानिध्य प्राप्त हुआ। आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्री जी म.सा. ने कहा कि साध्वी दर्शनप्रभाजी एवं साध्वी समीक्षाप्रभाजी के व्यक्तिव एवं ज्ञान के अनुरूप ही उन्हें श्रीसंघ द्वारा ये उपाधि प्रदान की गई है जिसकी वह अनुमोदना करते है। साध्वी द्धय को उपाधि से अलंकृत करने की घोषणा होते ही रूप रजत विहार सभागार हर्ष-हर्ष, जय-जय के उद्घोष से गूंजायमान हो उठा ओर श्राविका मण्डल केसरिया-केसरिया आज है म्हारो मन केसरिया गा उठा। सभी तरह विदाई के पलों में भी खुशी का नजारा हो गया। श्रीसंघ की ओर से आदर की चादर समर्पित करने वालों में संघ अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा, मंत्री सुरेन्द्रकुमार चौरड़िया, संगठन मंत्री नवरतन बाफना, उपाध्यक्ष अनिल ढाबरिया, चातुर्मास संयोजक वीरेन्द्रसिंह कोठारी, कोषाध्यक्ष गणपत कुमठ आदि पदाधिकारी एवं वरिष्ठ सुश्रावक शामिल थे।