कोटा। छावनी निवासी एक बालक के जन्म के चार दिन बाद अचानक सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी तो परिवार ने बालक को शिशु रोग विशेषज्ञ डा पवन को दिखाया और उन्होंने उसे तुरंत नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती होने की सलाह दी और वरिष्ठ शिशु शल्य चिकित्सक डा समीर मेहता की सलाह ली। डा समीर ने एक्सरे जाँच में पाया कि पेट में आँत फटी हुई है व तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी। डा समीर ने ऑपरेशन में पाया कि बालक की भोजन थैली चार सेंटीमीटर लंबी फटी हुई है व काफ़ी गली हुई है। ऑपरेशन में निश्चेत्ना का कार्य डा अनिल गर्ग ने सम्भाला ।भोजन थैली को रिपेयर कर बालक को नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में आठ दिन रखा व उसके बाद माँ का दूध पिलाना शुरू किया गया। डा मेहता ने बताया कि यह रोग काफ़ी दुर्लभ है और इसका कोई स्पष्ट कारण भी लिटरेचर में नहीं बताया गया है। डा समीर ने पिछले 23 वर्षों में भोजन थैली के फटने का पहला मामला देखा है।