बैंड बाजे के साथ घटयात्रा निकाली
प्रकाश पाटनी/भीलवाड़ा। श्रुत संवेगी मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में न्यू हाउसिंग बोर्ड शास्त्री नगर शौर्यपुर नगर में श्री माज्जिनेंद्र श्रीनेमिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व मैत्री महायज्ञ बड़े उत्साह पूर्वक 26 नवंबर रविवार को प्रारंभ हुआ। समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि प्रातः सुपार्श्वनाथनाथ दिगंबर जैन मंदिर से बैंड बाजा के साथ घटयात्रा निकाली। महिलाएं सिर पर मंगल कलश लिए चल रही थी।जो पंचकल्याणक स्थल पर पहुंची। जहां मुनि ससंघ के सानिध्य में त्रिलोक चंद,सौरभ छाबड़ा परिवार ने प्रतिष्ठाचार्य अरविंद कुमार, पंडित पीयूष भैया जैन, पं पदमचंद काला के निर्देशन में विधि-विधान पूरक ध्वजारोहण कर मंडप का उद्घाटन किया। जय कारों से सारा वातावरण गूंज उठा।
मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज ने धर्म देशना में कहा कि माता त्रिशला के 15 महीने नेमिनाथ भगवान गर्भ में आए। तो आंगन में रत्नो की वृष्ठि हुई। उन्होंने कहा कि पहले के लोगों में भविष्य की सोच होती थी। मुनिश्री ने कहा कि जिनबिम्ब पंचकल्याणक में चेतना के संस्कार दिए जाएंगे। सभी इंद्र- इंद्राणियां पंचकल्याणक की सभी क्रियाएं देखकर अपने भावों को सुधारने का प्रयत्न करें। इसमें अपना कल्याण होगा। संसार के भ्रमण को घटाने के लिए घटयात्रा निकाली जाती है। ध्वजारोहण जिन शासन का ध्वजारोहण किया गया। मुनि श्री ने कहा कि जितना अधिक परिश्रम- पुरुषार्थ करेंगे उतनी लक्ष्मी बढ़ेगी, जितना बड़ा दान करेंगे उतनी कीर्ति बढ़ेगी। आहार दान, जिन बिम्बस्थापना आदि दान में आती है। अभ्यास करने से विद्या बढ़ती है। बुद्धि कर्म के आधार पर बढ़ती, घटती है। मुनिश्री ने कहा कि जिसके पास सरस्वती है उसकी आगे दुनिया झुकती है। 2024 तक भारत देश में बड़ा परिवर्तन आने की संभावना व्यक्ति की। प्रवचन के बाद इंद्र प्रतिष्ठा, मंडप प्रतिष्ठा, वेदि प्रतिष्ठा, जाप्यानुष्ठान, अंकुरारोपण। मध्यान में 3:30 बजे बड़े भक्ति- भाव से माता की गोद भराई की गई। माता के परिवारजन एवं इंद्र इंद्राणिया व समाजजनों ने माता की गोद भराई की। सायंकाल 6:30 बजे श्रीजी की आरती, शास्त्र सभा, भेरीताडप, शोधर्म सभा का भव्य आयोजित कि गई।