जयपुर। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 554वीं गुरु नानक देव जी की जयंती पर प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री द्वारा रचित लोक चेतना और आध्यात्मिक साधना के वाहक गुरु नानक देव जी पुस्तक पर पाठक संगम एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से परिचर्चा हुई। जिसमें इस पुस्तक में लिखित अध्यायों में विभिन्न पहलुओं पर कुणाल एवं मनोज कुमार ने मुख्य रूप से रोशनी डाली। कुणाल ने गुरुनानक देव के जन्म से पूर्व एवं उनके समय निर्धारण पर प्रकाश डाला। मनोज कुमार ने गुरुनानक देव जी की प्रेरणात्मक घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा उदासियों (यात्राओं)1500 से 1524 तक पांच भाग में जम्बूद्वीप तक सौहार्दपूर्ण तरीके से यात्राओं के बारे में विस्तृत चर्चा की और वरिष्ठ कार्यकर्ता माणक चन्द्र ने कहा गुरुनानक देव जी कभी जातियों एवं मतांतरण के पक्ष में नहीं रहें। आप जिस ईश्वर में विश्वास रखें, उन्हें ही माने। अंत में गुरुद्वारा के प्रभारी एवं सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करतें हुए राजकुमार ने सभा को अंतिम रूप दिया।