गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला – टोंक (राज.) में ससंघ विराजित गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के मुखारविन्द से शांतिधारा करने का सौभाग्य बाबूलाल टोंक व धर्मचन्द ठग नैनवां वालों ने प्राप्त किया। साथ ही शांति प्रभु के चरणों में शांतिविधान का अवसर प्रेमचन्द सौगानी निवाई वालों ने प्राप्त किया। शांतिप्रभु के चरणों में बड़े भक्ति के साथ मंडल पर 120 अर्घ्य चढ़ाएं गए। पूज्य माताजी ने सभी को मंगल उद्बोधन देते हुए गुरु गुणगान करते हुए श्रद्धा का फल समझाते हुए कहा कि – जब तक हमारे दिल में प्रभु व गुरु के प्रति श्रद्धा नहीं होगी तो हमारे विघ्न दूर नहीं होंगे। यदि हमारी भक्ति में श्रद्धा नहीं है तो वह सच्ची भक्ति नहीं है वह बगुला भक्ति है। यदि श्रद्धा के साथ भक्ति की जाये तो अपने आप जीवन में चमत्कार घटित होंगे। हमारे सभी विपदाएँ पल में दूर होगी। माताजी ने मैना सुंदरी का उदाहरण देते हुए कहा कि – प्रभु की सच्ची भक्ति और श्रद्धा के बल पर मैना सुंदरी ने प्रभु के गंधोदक से श्रीपाल का कुष्ट रोग दूर हुआ था। आगामी 10 दिसम्बर 2023 को होने वाले पिच्छिका परिवर्तन एवं 108 फीट उत्तुंग कलशाकार सहस्रकूट जिनालय के भव्य शुभारम्भ में सम्मिलित होकर इस सुअवसर में साक्षी बनकर पुण्यार्जन करें।