आर्यिका रत्न 105 भरतेश्वरी माताजी ससंघ के सानिध्य में हो रहा आयोजन
जयपुर। मर्यादा शिष्योत्तम आचार्य 108 श्री भरत सागरजी महाराज की शिष्या गणिनी आर्यिका रत्न105 भरतेश्वरी माताजी ससंघ के सानिध्य में 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान के चतुर्थ दिवस पर भव्य पूजा अर्चना हुई। एसएफएस दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे हैं। अष्टांहिका महापर्व के अंतर्गत सिद्धचक्र महा मंडल विधान पूजा में आज प्रातः काल शांति धारा माताजी के पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट मंडल के सौ धर्म इंद्र नरेंद्र निर्मला अनिल व अनुज समस्त कासलीवाल परिवार फागी वालों द्वारा किया गया। तत्पश्चात माताजी ने सिद्ध चक्र महामंडल विधान के चतुर्थ दिवस पर संबोधन करते हुए कहा कि भव्य जीव ऐसे विधानों का आयोजन करके देव, शास्त्र, गुरु की आराधना करता है वह जीव मुनि पद को धारण करके 64 रिद्धियो को प्राप्त करता हुआ एक दिन भगवान जरूर बनता है। माताजी के प्रवचन के पश्चात बनारस से आए हुए प्रतिष्ठाचार्य डॉक्टर कमलेश भैया द्वारा मंत्र उच्चारण द्वारा सिद्ध चक्र महामंडल विधान पर 64 अर्घ्य संगीतकार राजीव जैन अशोक नगर के द्वारा भक्ति भाव से चढ़ाए गए। इस अवसर पर इस अवसर पर पूजन के पश्चात वर्धमान दिगंबर जैन समिति समाज महिला मंडल एसएफएस एवं बगरू से आए हुए समाज के सभी भक्तों द्वारा गुरु मां की अष्ट द्रव्यों से भक्ति भाव से पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ कमाया। गुरु मां ने मंडल की पूजा मैं बैठने वाले सभी श्रावकों को आशीर्वाद दिया। समिति के महामंत्री सौभाग मल जैन ने बताया कि सायंकlल प्रतिदिन पुण्यर्जक परिवार द्वारा एसएफएस कॉलोनी के निवास स्थान से जुलूस के साथ आरती प्रारंभ होकर मंदिर में आकर भव्य आरती का आयोजन होता है। संघस्थ बाल ब्रह्मचारिणी अनुकंपा दीदी के द्वारा शास्त्र सभा और उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं।