गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला – टोंक (राज.) में विराजमान गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी के मुखारविंद से होने वाली अभिषेक, शांतिधारा करने का अवसर निर्मल कुमार धुंआ वाले प्रतापनगर जयपुर, विनोद रानपुर वाले कोटा, राजेश गोधा जयपुर देवेन्द्र भाणजा निवाई वालों ने प्राप्त किया। पूज्य माताजी ने सभी को उद्बोधन देते हुए कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है अहंकार। अहंकार से मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है। अहंकार से ज्ञान का नाश हो जाता है। अहंकार होने से मनुष्य के सब काम बिगड़ जाते हैं। जब हम कामयाबी की ओर बढ़ते हैं, तो हमारे साथ अहंकार भी बढ़ता है और जब हम असफल होते हैं, तो अहंकार भी उतरता जाता है। जीवन में जिस किसी सफलता से आपको अहंकार पकड़ ले, समझ लेना कि आपके आगे बढऩे की सीमा खत्म हो चुकी है और अब आप यहां से सिर्फ नीचे जा सकते हैं। जब हम आसमान पर हैं, तो जमीन पर पैर नहीं पड़ते, लेकिन जब हम जमीन पर रहकर आसमान को छूते हैं, तो हमारा धरातल नहीं खिसकता। इसलिए हमें अपने जीवन में अहंकार का द्वार नहीं खोलना चाहिए क्योंकि यह क्रोध को भी बढ़ाता है। आगामी 10 दिसम्बर 2023 को होने वाले पिच्छिका परिवर्तन एवं 108 फीट उत्तुंग कलशाकार सहस्रकूट जिनालय के भव्य शुभारम्भ में सम्मिलित होकर इस सुअवसर में साक्षी बनकर पुण्यार्जन करें।