भक्तों के भगवान थे युग पुरूष लब्दिधारी गजकेसरी गुरू गणेश: महासती धर्मप्रभ, साध्वी चैतन्याश्री
सुनिल चपलोत/चैन्नई। भक्तों के भगवान थे युग पुरूष लब्दिधारी गुरू गणेश। रविवार को कर्नाटक गजकेसरी घोर तपस्वी गणेशीलाल जी महाराज की 144वीं जन्म जयंती AMKM पुरषवाकक्म में महासती धर्मप्रभा के आतिथ्य और महासती चैतंन्या श्री के सानिध्य में गुणागान और तप त्याग के साथ मनाई गई। साहुकार पेट जैन भवन से पधारी महासती धर्मप्रभा ने गुरू गणेश के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया की वचन सिध्द योगी थे। उनका मांगलिक भी इतना चमत्कारी था कि भक्तों के सब अटके काम बन जाते थे। गुरूदेव ने कभी भी अपने प्राणों की परवाह न करतें हुए कई स्थानों पर धर्म के नाम पर निदोष पशुओं की बली प्रथा को बंद करवाया और हजारों बकरों को अभयदान दिरवाया था। गजकेसरी गुरूदेव मानवता के मसीहा करूणा के देवता जीवो के सच्चे रक्षक थे।महासती चैतन्याश्री ने कहा की गुरूदेव का जीवन खुली किताब की तरह था उन्होंने पंथ,संम्रदाय और मजहब के भेद भाव को कभी महत्व नहीं दिया। गरीब हो या अमीर छोटा हो या बड़ा गुरूदेव ने कभी किसी प्रकार का भेद भाव नहीं किया।गुरूदेव के जीवन की विशेषता यह थी कि वे किसी संघ व समाज से बंधकर नहीं रहें बल्कि छत्तीस कौम के पूज्यनीय आदरणीय थे। एक निडर निर्भीक,स्पष्टवक्ता त्यागी दिव्य आत्मा थे। इसदौरान साध्वी स्नेहप्रभा,साध्वी जिज्ञासा साध्वी सुबोधि तथा साध्वी निर्मितिप्रभा आदि ने कहा कि आज भी जो भक्त श्रंध्दा और भक्ति से गुरू गणेश का जो नाम लेता है तो उसके बिगड़े काम बन जाते हैं। ऐसे महान गुरूदेव का हम जितना गुणगान करे वह सबके लिए कम है। गुरूदेव के उपकार को कोई भूल नहींं सकता है। AMKM पुरषवाकक्म श्रीसंघ के अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया महासती चैतन्याश्री को महाराष्ट्र प्रवर्तक कुंदन ऋषि द्वारा जिन शासन प्रभाविका पद से अंलकृत किए जाने पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जैन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष आनन्दमल छल्लाणी गौतमचन्द कटारिया,निर्मल मलेच्चा,इन्द्रचंद कोठारी,पदमचंद सकलेचा,निर्मल गेलड़ा, महेन्द्र मुणोत,धर्मीचंद मुथा,पन्नालाल धोका, एम.अजितराज कोठारी, शांतिलाल सिंघवी, धर्मीचंद सिंघवी, मोहनलाल गढ़वानी, आदि अतिथियों और महानगरों के श्रीसंघो के साथ श्रीसंघ AMKM पुरषवाकक्म के अध्यक्ष विनय चंद पावेचा,महिपाल चौरड़िया,गौतमचंद गुगलिया, महावीर बोहरा,धर्मीचंद कोठारी, सोहनराज झामड़,संतोष पगारिया, महेंद्र पुगलिया,दिलीप बोहरा आदि ने साध्वी जी को आदर की चादर ओढ़ाई। कार्यक्रम के प्रारंभ में सामूहिक रूप से गुरू गणेश का जाप किया गया और जन्मोत्सव पर तेले तप की आराधना करने वाले तपस्वीयो का अभिनन्दन किया गया तथा समारोह मे पधारे सभी अतिथियों का AMKM पुरषवाकक्म संघ के पदाधिकारियों ने स्वागत सम्मान किया। और दिक्षार्थी बहन गायत्री और अंजली बहन की खोलभर के श्रीसंघ ने बहुमान किया। प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया जनमोत्स्व कार्यक्रम का संचालन महिपाल चौरड़िया ने एवं सभी श्रध्दालूओं का आभार अध्यक्ष विनय पावेचा ने किया।