Saturday, September 21, 2024

उज्जैन में मुनि श्री सुप्रभ सागर जी, मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज का हुआ भव्य पिच्छि परिवर्तन समारोह

पिच्छी से होती है दिगम्बर जैन मुनि की पहचान: मुनि श्री सुप्रभसागर जी

उज्जैन। परम पूज्य श्रमणरत्न मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज, परम पूज्य मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज का ऋषिनगर, उज्जैन में महाज्ञान कुंभ वर्षायोग निष्ठापन के बाद 14 नवम्बर 2023 को दोपहर 1 बजे से भव्य पिच्छि परिवर्तन समारोह कालिदास अकादमी विश्वविद्यालय परिसर उज्जैन में हर्षोल्लास पूर्वक किया गया। निर्देशन ब्रा. ब्र. साकेत भैया का रहा। मुनिसंघ गाजे-बाजे के साथ ऋषिनगर जैन मंदिर से आयोजन स्थल कालिदास अकादमी परिसर पहुँचे। अतिथियों, चातुर्मास समिति व विद्वानों ने चित्र अनावरण व दीप प्रज्वलन किया। इसके बाद आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज की पूजन भक्ति संगीत के साथ की गई, बालिकाओं ने पिच्छि के महत्त्व को रेखांकित करने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुति से सभी को भाव-विभोर कर दिया।
मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज को नई पिच्छी भेंट करने का सौभाग्य सुषमा जैन महेंद्र चाँदवाड, मीनाक्षी प्रदीप जैन, सुशीला अनीता जैन, मधु सुनील सौगानी, स्नेहलता, तेजकुमार विनायका, राजकुमारी कुसुमलता झांझरी, सुरमंजरी जैन, आशा जैन अशोक ठेकेदार को प्राप्त हुआ। मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज की पुरानी पिच्छि प्राप्त करने का सौभाग्य श्रीमती अर्चना जैन, प्रमोद जैन, प्रेमबाई जैन, शालनी, अंकुश जैन परिवार ऋषिनगर उज्जैन को प्राप्त हुआ। मुनि श्री प्रणत सागर जी महाराज की पुरानी पिच्छि प्राप्त करने का सौभाग्य मधु जैन, सुनील सौगानी, मयंक भारती सौगानी परिवार लक्ष्मीनगर उज्जैन को प्राप्तहुआ। मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज को नई पिच्छि देने का सौभाग्य विमला जैन, विजया जैन, हेमराज मांगीलाल जैन, सुलोचना, प्रमोद जैन, संगीता अरविंद बुखारिया, शारदा देवास, कांता जैन, कमलेश जैन, सावित्री जैन को प्राप्त हुआ। समारोह का संचालन राजेन्द्र महावीर सनावद, डॉ सुनील जैन संचय ललितपुर व पंडित अखलेश शास्त्री रमगढा ने संयुक्त रूप से किया।
इस मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी पुरस्कार 2023 मुनि भक्त, समाज श्रेष्ठि तेजकुमार जैन विनायका उज्जैन को प्रदान किया गया।
इस मौके पर मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री माननीय मोहन यादव तथा कालिदास अकादमी के निर्देशक ने मुनिश्री को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद ग्रहण किया। इस मौके पर मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ने कहा कि पिच्छी के द्वारा दिगम्बर जैन मुनि की पहचान होती है। पिच्छिका परिवर्तन समारोह में मयूर पिच्छी का महत्व समझाते हुए मुनिश्री ने पिच्छि के पांच गुणों के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा कि पिच्छी संयम का एक उपकरण है, प्राणीमात्र के प्रति करुणा का भाव रखते हैं और उसका पालन भी करते हैं। पिच्छी मिट्टी ,पानी , पसीना ग्रहण नहीं करती। यह बहुत कोमल और देखने में आकर्षक के साथ -साथ हल्की भी होती है, जिससे वजन का अहसास नहीं होता। इस पिच्छी द्वारा जीव का घात नहीं होता। इस मौके पर आयोजक दिगम्बर जैन समाज एवं महाज्ञान कुंभ बर्षायोग समिति के अध्यक्ष शान्तिकुमार कासलीवाल, कार्याध्यक्ष प्रमोद जैन, महामंत्री अशोक जैसवाल, अरविन्द बुखारिया, अशोक मंगलम, अनिल जैन,आवास प्रभारी मुकेश काला, राजकुमार जैन, सतेन्द्र जैन, अशोक मोदी, प्रदीप झांझरी, सुनील बरघड़िया, पी सी मंगलम आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में वात्सल्य भोज किया गया। पिच्छि परिवर्तन समारोह के बाद आयोजन स्थल से मुनिश्री ससंघ का मंगल पद विहार उज्जैन से आगर की ओर हो गया।

-डॉ सुनील जैन संचय, ललितपुर

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