चमत्कारी और दिव्य अवतारी महापुरुष थे गुरू गणेश और गुरूवर्या सज्जनकंवर जी: महासती धर्मप्रभा
सुनिल चपलोत/चैन्नई। चमत्कारी और दिव्य अवतारी महापुरुष थे, गुरू गणेश और गुरूवर्या सज्जन कवर जी । शुक्रवार को जैन भवन साहुकारपेट में महासती धर्मप्रभा ने कर्नाटक गजकेसरी गणेशीलाल जी महाराज एवं गुरूणीमय्या सज्जन कंवर जी म.सा. की जन्मजयंती समारोह में गुणागान करतें हुए कहा कि गुरूदेव हमारे बिच में नहींं फिर भी गुरू गणेश का नाम जो भक्त श्रध्दां और भक्ति से लेता है तो उसके बिगड़े काम बन जाते है और वह व्यक्ति जीवन में सफलता को प्राप्त करता है। गुरूदेव की तप-त्याग और तपस्या साधना जबरदस्त थी,और मुख से निकले वचन हमेशा सत्य हो जाते थे। आप मानवता के मसीहा करूणा के देवता जीवो के सच्चे रक्षक थे। आपश्री के जीवन में अनेक चमत्कार हुए जिनको मिनटो और घंटों में बताया नहीं जा सकता है ।आप ने हजारों बकरों को अभयदान दिरवाया और बलि प्रथा को बंद करवाने केलिए अनशन किया और जहां बलि चढ़ाई जा रही थी वहा पर आपने स्वंय की गरदन आगे कर दी और बली प्रथा को बंद करवाया। और धर्म से विमुख और भटक चुके प्राणियों को धर्म का सही मार्ग दिखाकर जीवन जीने की राह बताई। गुरूदेव के उपकारों का ऋण जैन समाज और भक्त चुका नहींं पाएंगे और नाही कभी गणेश गुरू को भूल सकते है।साध्वी सुशीला और साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि भारत भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया जिसमे कर्नाटक गज केसरी गणेशीलाल जी महाराज सूर्य की तरह तेजस्वी और चंद्रमा की भांति शीतल थे ।आप ने मानव जाति के उत्थान और कल्याण के लिए अनेक धर्म के कार्य किए थे आपके बताए गये धर्म के मार्ग पर जो व्यक्ति चलेगा तो वह अपने जीवन को पवित्र बना सकता है। और अपनी आत्मा का संसार से कल्याण करवा सकता है। श्री संघ साहुकारपेट के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया कि जन्म जयंती समारोह के गौतमप्रसादी के लाभार्थी सुरेश चंद सुनिल कुमार आशीष ललवानी तथा पुरूषवाक्कम AMKM के अध्यक्ष विनयचंद पावेचा,शांतिलाल सिंघवी राजेंद्र कुमार ललवानी,चैनराज लालवानी, गौतमचंद लालवानी,गौतमचंद कटारिया निर्मल छल्लाणी आदि गणमान्य अतिथियों का साहुकारपेट श्री एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी,सुरेशचंद डूगरवाल, शांतिलाल दरडा,महावीर कोठारी शम्भूसिंह कावड़िया,अशोक सिसोदिया,भरत नाहर मंत्री सज्जनराज सुराणा ने शोल माला मोमेंट देकर लाभार्थी ललवाणी परिवार और अतिथियों का स्वागत किया। इसदौरान सभी श्रावक श्राविकाओं ने गुरू गणेश एवं महासती सज्जनकंवर जी म.सा की जन्म जयंती के उपल्क्षय में दो-दो सामायिक और तप त्याग किऐ और गुरू एवं गुरूवर्या के गुणगान गाऐ।