अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत की हालिया उपलब्धियाँ बेहद शानदार रही हैं। देश ने सिर्फ एक महीने में ही अंतरिक्ष में गोते लगाने के साथ-साथ आर्थिक कूटनीति, तकनीकी शक्ति और अपनी वैश्विक पहुँच स्थापित करने में, एक माइलस्टोन स्थापित किया है। लेकिन जिस तरह हम भविष्य की तरफ देखते हैं, और 2030 तक एक समावेशी विकास की परिकल्पना करते हैं, उस हिसाब से, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि देश सिर्फ आर्थिक विकास के मामले में ही नहीं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने के लिए भी तैयार है। यदि हम पिछले लम्बे समय से जारी भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ हालिया कारनामों को देखें, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा देश 21वीं सदी में ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है।
अज्ञात की खोज और अंतरिक्ष में तिरंगा
भारत की चांद पर सफल लैंडिंग ने इसे अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल कर दिया है। सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं द्वारा हासिल की गई यह ऐतिहासिक उपलब्धि, ब्रह्मांड की खोज के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उतारने वाले चौथे देश के रूप में, भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण हेवीवेट के रूप में खुद को साबित किया है। बेशक चांद से कहीं आगे जाने की सोच के साथ, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम ह्यूमन नॉलेज और टेक्नोलॉजी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
कूटनीति और वैश्विक उपस्थिति
G-20 कार्यक्रम की मेजबानी करना भारत के लिए एक राजनयिक तख्तापलट की तरह था। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ने भारत को अपनी आर्थिक और तकनीकी ताकत दिखाने का मौका दिया। यह सम्मलेन न सिर्फ विश्व मंच पर देश के बढ़ते दबदबे को दर्शाने में सफल रहा, बल्कि जलवायु परिवर्तन और आर्थिक असमानता जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने की हमारी प्रतिबद्धता जाहिर करने में भी सुयोग्य साबित हुआ। इसे देखते हुए आने वाले वर्षों में वैश्विक एजेंडे को आकार देने के मामले में भारत की भूमिका मजबूत के होने के प्रबल आसार हैं।
टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग के साथ ‘मेक इन इंडिया’ क्राँति
‘मेड-इन-इंडिया’ यानि भारत में बने iPhone 15 का लॉन्च होना, हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत की क्षमताओं को उजागर करता है। इसे महज़ एक इंडस्ट्रियल उपलब्धि से कहीं अधिक समझा जाना चाहिए, क्योंकि यह देश के ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में परिवर्तित होने का प्रतीक भी है। जैसे-जैसे भारत अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं में विविधता ला रहा है, यह इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोबाइल तक विभिन्न उद्योगों में एक प्रमुख प्लेयर बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है, जो जाहिर तौर पर ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देने का काम करेगा।
सभी क्षेत्रों में अलग-अलग उपलब्धियाँ
अंतरिक्ष और टेक्नोलॉजी से परे, भारत की उपलब्धियाँ कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं। अंडर-19 टी20 विश्व कप में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत से लेकर ऑस्कर विजेता फिल्म ‘आरआरआर’ और इन्फोसिस के बाजार पूँजीकरण में 100 अरब डॉलर से अधिक होने वाली पहली भारतीय कंपनी के रूप में उभरने तक अलग-अलग माइलस्टोंस के साथ खेल, मनोरंजन और आईटी में भारत की शक्ति किसी विवाद का पात्र नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों में भारत की यह बहुमुखी उत्कृष्टता, भारत के विशाल टैलेंट पूल और लगभग सभी क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि हासिल करने की बेमिसाल क्षमता को उजागर करती है।
आने वाले कल की आर्थिक महाशक्ति
भारत की आर्थिक वृद्धि कोई तत्काल हुई घटना नहीं है, यह एक अच्छी तरह स्थापित ट्रेंड के कारण है। फिलहाल दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत के 2030 तक तीसरे पायदान पर पहुँचने का अनुमान है। यह आर्थिक विस्तार, गेंहू-चावल के शीर्ष उत्पादक, आईटी सर्विसेस में सबसे आगे, एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम और इसकी भूमिका के साथ जुड़ा हुआ है। सबसे तेजी से बढ़ता एविएशन और टूरिज्म मार्केट, भारत को एक मजबूत प्रक्षेप पथ के साथ एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।
देश के विकास में प्रमुख कारक
भारत की तेज गति से होती वृद्धि के पीछे कई कारक हैं:
एक युवा और बढ़ती जनसंख्या: भारत की युवा आबादी, एक विशाल कार्यबल और एक बढ़ते उपभोक्ता बाजार को दर्शाती है।
तेजी से शहरीकरण: शहरीकरण भारत के शहरों को बदल रहा है, और इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आर्थिक विकास को गति प्रदान कर रहा है।
बढ़ता मिडिल क्लास: विकसित होता मिडिल क्लास, कंज्यूमर गुड्स और सर्विसेस की डिमांड को तेजी से बढ़ा रहा है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम उद्यमिता को बढ़ावा दे रहा है, इससे रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और इनोवेशन को बढ़ावा मिल रहा है।
इनोवेशन और टेक्नोलॉजी: भारत का इनोवेशन और टेक्नोलॉजी पर ध्यान इसे वैश्विक तकनीकी पहलु पर आगे बढ़ा रहा है।
सरकारी पहल: विकास की उत्प्रेरक भारत सरकार विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सुधार: हाल के सुधारों ने कारोबारी माहौल को आसान बनाने के साथ-साथ विदेशी निवेश को आकर्षित किया है और व्यापार करने के तरीकों को आसान बना दिया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर: इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण निवेश कनेक्टिविटी, लॉजिस्टिक्स और व्यापार दक्षता को बढ़ा रहे हैं।
एजुकेशन: एजुकेशन में निवेश, कुशल कार्यबल को बढ़ावा दे रहा है, जो विकास को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
वर्ष 2030 तक भारत की यात्रा उपलब्धियों और महत्वाकांक्षी प्रयासों की एक प्रभावशाली श्रृंखला को चिन्हित करती है। अंतरिक्ष की खोज से लेकर आर्थिक ताकत तक, तकनीकी कौशल से लेकर सांस्कृतिक योगदान तक, तेजी से आगे बढ़ता भारत का उसके लचीलेपन, इनोवेशन और वैश्विक दृष्टिकोण का प्रमाण है। इस रास्ते पर आगे बढ़ते हुए, भारत न सिर्फ एक ग्लोबल लीडर के रूप में अपनी जगह सुरक्षित करने के लिए तैयार है, बल्कि सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य की शुरुआत करते हुए, दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों का समाधान करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पहली सफ़ में खड़ा है। दुनिया आशा भरी नज़रों से देख रही है कि भारत की उल्लेखनीय विकास गाथा किस तरह सामने आ रही है।