सुनील चापलोत/चैन्नई। धर्म से ही आत्मा का अभ्युदय होता है और आत्मा को संसार से मुक्ति मिलती है। गुरूवार साहुकार पेट जैन भवन में महासाध्वी धर्मप्रभा ने आयोजित धर्मसभा में श्रध्दालूओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि धर्म-कर्म से ही आत्मा का कल्याण हो सकता है। मानव भव बार बार नहीं मिलता है अंनत पुण्यवानी करने पर प्राप्त होता था। मनुष्य जीवन मिलने के बाद उसने धर्म के मार्ग पर वो नहींं चलता है तो उसे जीवन में सुख नहीं मिल पाएगा और ना हि वह अपनी आत्मा को संसार से मुक्ति दिलवा सकता है आत्मा को मुक्ति तब मिल सकती है जब मनुष्य मोह का त्याग करे और वह पुरूषार्थ करता है तो वह अपने मानव भव को सार्थक बना सकता है और इस आत्मा को अनंता अनंत जीवा योनियों के दुखों में भटकने से बाहर निकालकर आत्मा को मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति करवा सकता है। साध्धी स्नेहप्रभा ने कहा कि क्रोध और तूफान एक जैसे होते हैं, दोनों के शांत होने के बाद पता चलता है कि नुकसान कितना हुआ है गुस्सा एक ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से सभी अच्छे गुण खत्म हो जाते है और इंसान एक पल में शैतान बन जाता है और स्वंय का विनाश कर लेता है अंत में पश्चाताप के अलावा कुछ नहीं बचता है। मनुष्य को क्रोध से जितना बचेगा और शांत रहेगा तभी वह जीवन मे उपलब्धि प्राप्त कर सकता है। साहुकारपेट श्रीसंघ के कार्याध्यक्ष महावीर चंद सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया धर्मसभा अनेक भाई -बहनों ने उपवास आयंबिल एकासन व्रत आदि के साध्वीवृंद से प्रत्याखान लिए तप करने वालो और धर्मसभा में पधारे अतिथियों का सुरेश डूंगरवाल,शम्भू सिंह कावड़िया मंत्री सज्जनराज सुराणा ने स्वागत किया। शुक्रवार को साहुकारपेट जैन भवन में कर्नाटक गजकेसरी गणेशीलाल जी महाराज एवं परम् पूज्या सज्जन कंवर जी म.सा.की जन्म जयंती महासती धर्मप्रभा के सानिध्य में मनाई जाएगी। जन्मजयंती कार्यक्रम के प्रश्चात सुरेशचंद सुनिल कुमार आशीष कुमार ललवाणी की और से गौतमप्रसादी का आयोजन साहुकारपेट जैन भवन में रखा गया है।