डॉ. नरेन्द्र जैन भारती सनावद
जैन धर्म में सच्चे देव, शास्त्र, गुरु को समान रूप से पूजनीय माना गया है। पावन पर्व दीपावली ने इस कथन को सार्थकता प्रदान की है। इस दिन कार्तिक कृष्ण अमावश्या की प्रभात वेला में भगवान महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी अतः प्रातः काल श्रद्धालुओं ने निर्वाण लाडू चढ़ा कर भगवान महावीर स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया तथा शाम को घरों में सोलह कारण भावना के प्रतीक सोलह दीपकों को प्रज्वलित कर, 64 बत्तीयों को जलाकर 64 ऋद्धियों का ज्ञान प्राप्त हो, ऐसी भावना भाते है।गौतम गणधर स्वामी का केवलज्ञान दिवस मनाकर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके द्वारा किए गए अनंत उपकारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
जैन धर्म के अनुसार केवलज्ञान की प्राप्ति के बाद समवशरण में तीर्थकरों की दिव्यध्वनि खिरने लगती है, लेकिन भगवान महावीर स्वामी के साथ ऐसा नहीं हुआ। वैराग्य धारण कर बारह वर्ष की कठोर तपस्या के उपरांत 26 अप्रैल ई. पू. 557 वर्ष में भगवान महावीर स्वामी को ज्रम्भक नामक ग्राम में सालवृक्ष के नीचे केवलज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वे सर्वज्ञ समदर्शी के रूप में प्रसिद्ध हुए। कर्मों का विजेता होने के कारण वे “जिन ” कहलाये। केवलज्ञान की प्राप्ति होने के बाद भी 66 दिनों तक योग्य गणधर के अभाव में उनकी दिव्य ध्वनि नहीं खिरी। इंद्र को चिंता हुई और वे उस समय के योग्य विद्वान परंतु अभिमानी इंद्रभूति गौतम के पास गये और शंका का समाधान चाहा, लेकिन इंद्रभूति गौतम शंका का समाधान करने में असफल रहे और भगवान महावीर स्वामी के समवशरण में आए। उनके आगमन पर श्रावण कृष्ण प्रतिपदा के दिन भगवान महावीर स्वामी की दिव्यदेशना हुई। गौतम गणधर ने उनसे अनेक प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया। भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों को सुनकर गौतम गणधर के परिणाम इतने निर्मल हो गए कि दीपावली पर भगवान महावीर स्वामी को कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई, उसी दिन शाम को गौतम गणधर स्वामी को केवलज्ञान प्राप्त हुआ । इंद्रभूति गौतम गणधर ने भी प्राणियों को धर्म का उपदेश देकर सन्मार्ग पर लगाया और भगवान महावीर स्वामी के उपदेशों का प्रचार- प्रसार का महान उपकार किया। अतः हम सभी को कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन गौतम गणधर स्वामी का स्मरण कर सम्यकज्ञान की प्राप्ति की कामना करना चाहिए । केवलज्ञान दिवस भी दीपावली के रूप में ज्ञान दीप प्रज्वलित कर मनाया जाता है। हम सभी को घर में प्रज्वलित दीपकों के माध्यम से ऋषि गौतम गणधर स्वामी का स्मरण कर सोलह कारण भावनाओं का सम्यकज्ञान प्राप्त हो, चौसठ ऋद्धियों को प्राप्त कर केवलज्ञान की प्राप्ति एवं मोक्ष का सुयोग बने, ऐसी कामना करना चाहिए। परम उपकारी गौतम गणधर स्वामी को केवलज्ञान प्राप्ति दिवस पर शत-शत नमन।