सुनिल चपलोत/चैन्नई। मनवांछित इच्छित फल प्राप्त होता है पैंसठिया यंत्र के जाप करने पर । रविवार को साहुकार पेठ जैन भवन में 108 पैंसठिया जाप के दौरान महासती धर्मप्रभा ने जाप करने वालें श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधिंत करतें हुए कहा कि भारतीय परंपरा में मंत्र स्त्रोत्र आदि का बहुत बड़ा महत्व है। जैन धर्म में अनेक मंत्र स्त्रोत्र जो स्वयं में सिद्ध एवं चमत्कारी हैं।पैंसठिया यंत्र ऐसा विशिष्ट यंत्र है जो आधी व्याधि और उपाधि का नाश कर व्यक्ति के जीवन में समाधि प्रकट करता है इसका विधिवत साधना कर व्यक्ति अपने इच्छित फल को प्राप्त कर सकता है और अपने सिद्धि का द्वार खोल सकता है। यह यंत्र आत्मा को नव्यता दिव्यता और भव्यता प्रदान करता है।पैंसिठिया के जाप करने से कैंसर जैसे रोग खत्म हो जाते हैं, परंतु उसके लिए भावना और श्रद्धा शुद्ध रखकर विश्वास के साथ जाप करता है तो वह अपने रोग और दुःखों से छुटकारा पा सकता है। साहुकारपेट श्रीसंघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया पैंसठिया के जाप प्रांरभ करने से पूर्व सभी भाई और बहनों ने नवकार महामंत्र की आराधना की और 3 घंटे तक सामूहिक रूप से महासती धर्मप्रभा,साध्वी स्नेहप्रभा के साथ विधि विधान पूर्व पैंसठिया यंत्र का जाप किया। पैसठिया जाप की सभी को प्रभावना देने वालें लाभार्थी माणकचन्द,डॉ.अशोक कुमार खाबिया का श्री एस.एस.जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी,हस्ती मल खटोड़, महावीर कोठारी, सुरेशचन्द डूगरवाल,शम्भूसिंह कावड़िया,संजय खाबिया, ज्ञानचन्द चौरड़िया,भरत नाहर मंत्री सज्जन राज सुराणा,अजित कोठारी,महेन्द्र सेठिया, दिनेश नाहर महावीर ललवाणी आदि सभी ने लाभार्थी खाबिया परिवार को शॉल माला पहनाकर स्वागत किया।