Saturday, September 21, 2024

स्लिप डिस्क के क्या कारण हैं और उससे कैसे बचा जाये?

स्लिप डिस्क के कारण और बचाव जानने से पहले ये जान लेना ज़रूरी है की ये स्लिप डिस्क आख़िर है क्या । इस बीमारी का शरीर के कौनसे हिस्से से सम्बंध है। तो आइए आपको सबकुछ बताते हैं स्लिप डिस्क के बारे में।

स्लिप डिस्क का सम्बंध हमारी रीढ़ की हड्डी से है।पहले हम जाने की हमारी रीढ़ की हड्डी आख़िर किन किन चीज़ों से मिलकर बनी है तभी हम इस से सम्बंधित बीमारी को ठीक से जान पायेंगे।

हमारी रीढ़ चार चीज़ों से बनी हैं । हड्डी , डिस्क , नर्व और सॉफ़्ट टिश्यू या मसल । जो हड्डी का हिस्सा है उसे वर्टेब्रे बोलते है इनकी संख्या ३३ होती है । हमारी रीढ़ में हड्डी के बीच में एक नरम जेल जैसा हिस्सा होता है उसे डिस्क कहते हैं । ये दो वर्टेब्रे के बीच में होता है जिसका काम हमें झटके लगने पर रीढ़ को बचाना है । जैसे गाड़ी में शाकर का काम है शॉक को अपने ऊपर लेना ठीक वैसे ही ।

स्लिप डिस्क क्या है और इसके कारण क्या है :

लगातार एक ही तरह से बैठे रहना , झटके से वज़न उठाना जैसे जिम में कसरत करते वक़्त या अचानक गिरी हुई बाइक को उठाना , दुर्घटना की वजह से और मोटापे की वजह से डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है यानी स्लिप हो जाती है । इसी को स्लिप डिस्क कहते हैं ।मेडिकल भाषा में हर एक डिस्क के नम्बर होते हैं । ज़्यादातर मामलों में L4-L5 डिस्क स्लीप होती है । कुछ मामलों में L3-L4 व L5-S1 डिस्क में समस्या आती है । L5-S1 डिस्क बिलकुल कूल्हो की हड्डी के पास होती है , L4-L5 डिस्क उसके ऊपर तथा L3-L4 डिस्क L4-L5 डिस्क के ऊपर वाली होती है ।

स्लिप डिस्क की चार अवस्था होती हैं । डिस्क थोड़ी सी खिसकी हो , डिस्क ज़्यादा खिसक कर नर्व पर ज़ोर डाले , डिस्क बाहर आ कर थोड़ी फट गई हो और उसका तरल पदार्थ बाहर आ गया हो और डिस्क धीरे धीरे आकर में छोटी होती जा रही हो ।

जब स्लिप डिस्क होती है तो कमर के निचले हिस्से में दर्द , बैठने में दर्द , चलने में व खड़े रहने में दर्द होता है ।व्यक्ति अपने दिन प्रतिदिन के काम भी नहीं कर पाता। जब डिस्क खिसक कर नर्व को दबाती है तो पैर में दर्द होता है । धीरे धीरे पैर कमज़ोर होता जाता है ।

स्लिप डिस्क से कैसे बचें:

स्लिप डिस्क के कारण से बचेंगे तो स्लिप डिस्क से बच जायेंगे यानी मोटापा कम करें, वज़न उठाते , जिम में कसरत करते वक़्त सावधानी रखे और एक ही तरह से लगातार ना बैठे । अपने बैठने के तरीक़े को बदलते रहें । इस तरह से बैठे की रीढ़ पर ज़ोर कम पड़े ।

स्लिप डिस्क का इलाज :

एक बार डिस्क स्लिप हो जाए तो उसको उसी दशा में लाना मुश्किल होता है । लेकिन हम अपने मसल को मज़बूती प्रदान करके रीढ़ को सपोर्ट दे सकते है। हम जानते है कि शरीर का वज़न 70% मसल द्वारा और 30% हड्डियों द्वारा उठाया जाता है।

अतः मसल को मज़बूत करके हम हड्डियों पर वज़न कम पड़ने दें।

डॉक्टर निम्न तरीक़े से इलाज करते हैं :

दर्द निवारक व मसल मज़बूत करने की दवा दे कर ।

डिस्क के पास इंजेक्शन लगाकर।

व्यायाम द्वारा।

ऑपरेशन करके।

कौनसा इलाज किस पर कारगर होगा यह मरीज़ की स्थिति देखकर निर्णय लिया जाता है । डॉक्टर शारीरिक परीक्षण , एक्स रे या ऐम आर आइ जो उचित लगे उसके द्वारा निर्णय पर पहुँचता है की आगे कैसे बढ़ा जाए।

स्लिप डिस्क पर सीक्रेट मंत्र :

व्यायाम और एक्यूप्रेशर से बेहतर स्लिप डिस्क का कोई इलाज नहीं है, व्यायाम को जीवन शैली बना लें।

डाॅ. पीयूष त्रिवेदी, एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ

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