ब्यावर। गांधी आराधना भवन में चल रहे वर्षावास के दौरान प्रवचन प्रभाविका महासाध्वी धैर्यप्रभा जी आदि ठाणा के तत्वावधान में गांधी आराधना भवन में गत चार माह से गतिशील नवकार महामंत्र के जाप का समापन हुआ। इस अवसर पर महासाध्वी धैर्यप्रभा ने उपस्थित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि नवकार महामंत्र को यदि सच्ची श्रद्धा के साथ कोई व्यक्ति स्मरण करता है तो उसके कर्मो का नाश होता हैं। जैन इतिहास में अनेको उदाहरण है जो बताते है कि शुद्ध भावों के साथ नमस्कार मन्त्र के स्मरण से कष्ट मिट गये। इसके स्मरण से व्यक्ति अपने जीवन को उन्नति की और ले जा सकता हैं। महासती धृतिप्रभा, धीरप्रभा और धार्मिक प्रभा ने धर्मसभा को प्रतिदिन नवकार मन्त्र का स्मरण करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि संसार के सभी दूसरे मंत्रों में भगवान से या देवताओं से किसी न किसी प्रकार की मांग की जाती है लेकिन इस मंत्र में कोई मांग नहीं है। इस मंत्र में पांच पदों को समर्पण और नमस्कार किया गया है। इसलिए यह महामंत्र है। दिवाकर संघ अध्यक्ष देवराज लोढ़ा ने बताया कि गत चार माह से गांधी आराधना भवन में जाप गतिशील था। प्रतिदिन एक परिवार द्वारा गांधी आराधना भवन में जाप की आराधना की जाती थी। जाप करने वाले परिवार के अलावा भी श्रावक श्राविकाओं द्वारा पूरे मास में एक – एक घण्टे गांधी आराधना भवन में सामायिक के साथ जाप की आराधना करते थे। महिला मंडल अध्यक्षा सुशीला लोढ़ा के अनुसार इस जाप आराधना में सभी का सहयोग रहा। प्रतिदिन प्रातः 06 बजे से सांय 06 बजे तक जाप चलता था। आज इसका समापन का पल अतुल्य हैं। नवयुवक मंडल के अध्यक्ष दीपक बाफना ने बताया कि जाप आगामी 05 नवम्बर को नवयुवक मंडल द्वारा चातुर्मास काल में मासखमन की तपस्या करने वालो का बहुमान किया जाएगा। बहु मण्डल अध्यक्षा सन्ध्या छल्लानी के अनुसार महासती मण्डल का चतुर्मास हर मामले में ऐतिहासिक रहा। सभी कार्यक्रमों, प्रवचन, जाप, सेवा, तप – त्याग इत्यादि सभी मे श्रावक श्राविकाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर श्री जैन दिवाकर संघ, दिवाकर महिला मंडल, नवयुवक मंडल, बहु मण्डल के पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ अनेकों श्रावक श्राविका उपस्थित थे।