Saturday, September 21, 2024

अनमोल धरोहर का खजाना है नवागढ़ की पुरा सम्पदा

पहाड़ियों से मिल चुके हैं हजारों वर्ष पुराने औजार, नवागढ़ तीर्थ क्षेत्र का इतिहास काफी पुराना

ललितपुर। प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ विकासखंड महरौनी में प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाबचन्द पुष्प जन्म शताब्दी महोत्सव वर्ष के अन्तर्गत त्रिदिवसीय राष्ट्रीय विद्वत् संगोष्ठी का समापन ब्र. जय निशांत भैया जी के निर्देशन में किया गया। सर्वप्रथम चित्र अनावरण व दीप प्रज्ज्वलन अतिथि व विद्वानों ने किया। संगोष्ठी के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए ब्र. जयकुमार जी निशांत भैया ने कहा कि नवागढ़ प्राचीन तीर्थक्षेत्र है। यहां का इतिहास काफी पुराना है। यहां खुदाई कहीं भी हो बड़ी ही सावधानी से की जाती है क्योंकि यहां पर कई अति प्राचीन मूर्तियां एवं पुरातात्विक साक्ष्य, औजार मिलते हैं। तत्कालीन डीएम मानवेन्द्र सिंह ने नवागढ़ विरासत को स्वयं जाकर अवलोकन किया था औऱ नवागढ़ की ओर ध्यान देते हुए प्रशासन स्तर से सहयोग भी किया था। विशिष्ट अतिथि नरेश पाठक ग्वालियर ने कहा कि नवागढ़ में जैन तीर्थंकर का शिर एवं आदिनाथ भगवान की शिर विहीन पद्मासन प्रतिमा, पाषाण कलश, खंडित अभिलेख, कलाकृतियां एवं मृदभांड प्राप्त हुए हैं, जो नवागढ़ की प्राचीनता, संपन्नता, समृद्धि एवं संस्कृति को सिद्ध करते हैं। इस मौके पर पंडित मनीष जैन संजू ने कहा कि प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाबचंद पुष्प बेमिसाल , बहुमुखी विराट व्यक्तित्व के धनी थे। पंडित सोमचंद्र शास्त्री मैनवार ने तीर्थ का स्वरूप विषय पर आलेख प्रस्तुत करते हुए कहा कि संसार-समुद्र से जो पार करे उसे तीर्थ कहते हैं। तीर्थ हमारी संस्कृति, सभ्यता की अनमोल धरोहर और हमारी आस्था के केंद्र बिंदु हैं। वीरचन्द्र जैन नेकौरा ने नवागढ़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को रखा, पंडित इंद्रकुमार जैन ने पंडित गुलाब चंद पुष्प के अवदान पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी संयोजक डॉ सुनील संचय ललितपुर ने आभार व्यक्त किया। वक्ताओं ने कहा कि नवागढ़ क्षेत्र भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है।हमारी भावना है ऐसे अनमोल प्राचीन क्षेत्र की धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण होता रहे, जिससे भविष्य में हमारी पीढ़ियां अपने इतिहास को जान सकें एवं गर्व कर सकें। समागत विद्वानों का स्वागत, अभिनन्दन नवागढ़ कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट सनत जैन ललितपुर, महामंत्री वीरचन्द्र जैन नेकौरा, इंजी. शिखरचंद जैन, अविनाश जैन बेंगलुरु, डॉ आलोक जैन रांची, चक्रेश जैन , प्रोफेसर राकेश घुवारा, इंजी अभिषेक जैन इंदौर , एडवोकेट संदीप जैन , शरद जैन ग्वालियर, धीरेंद्र सिंघई बड़ागांव , राजीव चंद्रपुरा सहित तीर्थक्षेत्र कमेटी नवागढ़ एवं नवागढ़ गुरुकुलम के पदाधिकारियों ने किया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे। इस मौके पर डॉ फूलचंद्र जैन ने नवागढ़ गुरुकुलम के छात्रों के जीवन उपयोगी सूत्र प्रदान किए वहीं एकता जैन इंदौर ने गुरुकुलम के बच्चों को कम्प्यूटर संबंधी जानकारी प्रदान की।

सिद्धार्चना में किए 256 अर्घ्य समर्पित, कर्म दहन विधान हुआ
प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ विकासखंड महरौनी में प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाबचन्द पुष्प जन्म शताब्दी महोत्सव वर्ष के अन्तर्गत चल रही अष्ट दिवसीय सिद्धार्चना में सोमवार को 256 अर्घ्य भक्ति- श्रद्धा के साथ विधान के पात्रों एवं श्रद्धालुओं ने समर्पित किए। इस मौके पर कर्म दहन विधान का आयोजन भी किया गया। कर्म प्रकृतियों को समझाते हुए ब्र. जय निशांत भैया ने कहा कि अशुभ कर्म से अशुभ कर्म प्रकृति का बंध होता है और शुभ कर्म से शुभ कर्म प्रकृति का बंध होता है। इसलिए सम्यक पुरुषार्थ करते हुए अच्छे, शुभ कार्यों को करें तभी मानव कल्याण सम्भव है।

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