आज निकाली जाएंगी विश्व शांति महायज्ञ की भव्य समापन यात्रा
बाल संस्कार महोत्सव को आचार्य महाराज ने किया सम्बोधित
अशोक नगर। भरत बहुवलि युद्ध में बहुबलि ने अपने बड़े भाई भरत चक्रवर्ती से युद्ध में चक्र रत्न के प्रयोग और परिवार जनों पर चक्र की प्रतीक्षण देखकर वैराग्य को धारण करता देख जनता की आंसू धारा और तालियो के वीच राजपाठ को बड़े भाई भरत चक्रवर्ती को दीक्षा के लिए वन गमन का बहुत ही सुन्दर मंचन श्री समवशरण महामहोत्सव में भरतचक्रवर्ती वनने का सौभाग्य धर्मेन्द्र कुमार रोकड़िया वहीं बहूवलि मनोजरन्नौद के साथ प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा दुसरी ओर से प्रधानमंत्री रोहित सिघई ने वन सुन्दर अभिनय की प्रस्तुति राजेन्द्र उमरगांव महाराष्ट्र मंडली के साथ की भव्य प्रस्तुति दी। आज प्रातः काल श्री समवशरण महा मंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ में महोत्सव संसार के मंगल की कामना करते हुए प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भइया शुयस एवं मुकेश भ इया दारा ब्रहद मंत्रोच्चार के साथ महा शान्ति धारा कराई गई इसके बाद श्री सहस्त्र नाम महा मंडल विधान किया गया।
कल निकाली जाएगी ऐतिहासिक समवशरण महामहोत्सव रथयात्रा
इस दौरान मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि कल ऐतिहासिक समवशरण महा मंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ के समापन वेला में मुकेश भ इया के निर्देशन में भव्य विशाल रथयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी मुख्य पात्र चक्रवर्ती धर्मेन्द्ररोकड़िया सौधर्म इन्द्र राकेश अमरोद कुबेर इन्द्र सतीश राजपुर महायज्ञ नायक संजीव श्रागर बहुवलि मनोज रन्नौद सभी वघियो पर और समवशरण के दो दो जेडो विशेष रथ पर चलेंगे चल समारोह को जैन युवा वर्ग जैन जाग्रति मंडल भक्तावर सेवा मंडल जैन मिलन सोशल ग्रुप शस्वत सहित अन्य सेवा दल अपनी सेवाएं चल समारोह के दौरान देंगे चल समारोह शहर के प्रमुख मार्गों से सुबह नौ बजे गंज मैदान से प्रारम्भ होगा।
ये वैभव राग देष्ष का कारण है राग देष्ष करने वाले दुर्गति में जाता हैं–आचार्य श्री
इस दौरान आचार्य श्रीआर्जव सागर जी महाराज ने कहा कि ये वैभव राग देष्ष का कारण है राग देष्ष करने वाले को दुर्गति का बंध होता है और बह महान दुःखो को सहन करना पड़ता है। जन्म मरण के चौरासी के चक्कर से मुक्त पाने के लिए वैराग्य को धारण कर जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण कर मुक्ति की राह पर आगे बढ़ जाते है धिक्कार है मैंने अपने जीवन कितना पाप किया है मैं इनका त्याग करता हू ये संसार मकड़ी का जाल है इसमें जो उलझता है वह उलझता ही चला जाता है ये अनाधिकाल का मोह का वंधन है इसको काटने के लिए वैराग्य की दृढ़ता चाहिए।
बाल संस्कार महोत्सव में पांच सौ सडस्ट 567 वच्चो को दिये संस्कार
दोपहर में बाल संस्कार महोत्सव का आयोजन सुभाष गंज मैदान में किया गया जिसमें समाज के अध्यक्ष राकेश कासंल उपाध्यक्ष राजेंद्र अमन मेडिकल अजित वरोदिया प्रदीप तारई महामंत्री राकेश अमरोद संयोजक उमेश सिघई ने वच्चो को तिलक वंदना किया वहीं मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने आचार्य श्री को नवीन पिच्छिका भेंट की जिससे सभी वच्चो को पिच्छिका स्पर्श करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ इस दौरान आचार्य श्रीआर्जव सागर जी महाराज ने आशीर्वाद वचन देते हुए कहा कि वचपन के संस्कार जीवन के अंतिम समय तक काम आते हैं इन संस्कारो के लिए आप सभी को संभाल कर रखना है इस दौरान पांच सौ सडस्ट से अधिक वच्चो को संस्कार दिए गए।