हुए कई धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजन
वी के पाटोदी/सीकर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी निकटवर्ती ग्राम रैवासा स्थित श्री दिगम्बर जैन भव्योंदय अतिशय क्षेत्र में वार्षिक मेले का आयोजन रविवार को किया गया। श्री दिगंबर जैन भव्योंदय अतिशय क्षेत्र रैवासा प्रबंध समिति के उत्तम चंद पांड्या व ज्ञान चंद झांझरी ने बताया कि रैवासा में शेखावाटी जनपद का अति प्राचीन 861 वर्ष पुराना अदभुत एवं अतिशय युक्त जिन मंदिर है। किवदंती है कि यमस्थ मूलवेदी देवताओं द्वारा आकाश मार्ग से लाई हुई है। इस मंदिर जी के खंभे (स्तम्भ) आज तक कोई भी सही नहीं गिन सका है एवं यहां भूगर्भ से प्राप्त भगवान 1008 श्री सुमतिनाथ भगवान की अतिशयकारी प्रतिमा दर्शनीय है। मूलनायक भगवान श्री आदिनाथ जी की मूर्ति विशेष आकर्षक एवं अतिशययुक्त है। नसियां जी में श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान एवं 1008 सहस्त्रफणी श्री पार्श्वनाथ भगवान की 7 फीट पद्मासन प्रतिमा का एवं मानस्तम्भ व चौबीसी दर्शन है। समाज के विवेक पाटोदी ने बताया कि वार्षिक मेले में प्रातः सीकर के दीवान जी की नसियां से पदयात्रा प्रारंभ हुई, जिसमे समाज के युवा सम्मिलित हुए। पद यात्रा का पुण्यार्जन घीसालाल जयकुमार छाबड़ा परिवार को प्राप्त हुआ। वार्षिक मेले में प्रातः मंदिर प्रांगण में वृहद शांतिधारा हुई व पदयात्रियों का स्वागत किया गया। नसियां जी प्रांगण में प्रातः 11 बजे सुमतिनाथ मंडल विधान हुआ। विधान का पुण्यार्जन विमल कुमार मोहित कुमार झांझरी रेटा वाले परिवार को प्राप्त हुआ। विधान के पश्चात झंडारोहण, दीपप्रज्वलन, चित्र अनावरण हुआ। झंडारोहण का सौभाग्य महावीर प्रसाद मनोज कुमार ठोलिया परिवार को प्राप्त हुआ। दीपप्रज्वलन, प्रथम शांतिधारा व वात्सल्य भोजन का पुण्यार्जन मुक्तिलाल निर्मल कुमार विजय कुमार अजय कुमार पहाड़िया बधाल वाले परिवार को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात अतिथियों का सम्मान किया गया। प्रवचन, कलशाभिषेक व महाआरती पश्चात सांय भव्य रथयात्रा निकाली गई, जिसमे सीकर जयपुर सहित दांता, फतेहपुर, राणोली धोद, कोछोर, सुरेरा, कुली, खाचरियावास, बाय, रेनवाल, मुंडवाड़ा, कुचामन, मारोठ, दूजोद, दुधवा आदि स्थानों से समाज के लोग उपस्थित रहें।