Friday, November 22, 2024

चौबीस समवशरण में महा पूजा के साथ हो गया महोत्सव शुरू

श्रेष्ठ श्रोता बनकर सार तत्व को ग्रहण करे: आचार्यश्री आर्जव सागर जी

अशोक नगर। आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद व आचार्य श्री आर्जव सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भइया शुयस एवं मुकेश भइया के मार्गदर्शन में 15 अक्टूबर से प्रारंभ हुए श्री चौबीस समवशरण विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ में चक्रवर्ती बनकर महापूजन का सौभाग्य धर्मेन्द्र कुमार रोकड़िया, सौधर्म इन्द्र जैन समाज के महामंत्री राकेश अमरोद, कुबेर इन्द्र सतीश राजपुर महायज्ञ नायक संजीव कुमार श्रागर, बहुवलि मनोज कुमार रन्नौद, मुख्य समवशरण में महापूजा रचा रहे हैं। वहीं चौबीस समवशरणो में प्रथक प्रथक रूप से सौधर्म इन्द्र कुबेर इन्द्र बनकर प्रतिष्ठा चार्य प्रदीप भइया शुयस मुकेश भइया दारा मंत्रोचार के द्वारा सभी क्रियाएं परम पूज्य आचार्य श्री आर्जव सागर जी महाराज ससंघ के सान्निध्य में सम्पन्न किया जा रहा है।
भगवान की वाणी में जिनका नाम आता है वे भव्य होता है: आचार्य श्री
इस दौरान धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री आर्जव सागर जी महाराज ने कहा कि भगवान की वाणी में जिनका नाम आता है चाहे ये राजा हो रंक सेठ साहूकार सैनिक हो और यहां तक कि पशु पक्षी भी क्यों ना हो सभी भव्य ही होते हैं अभव्य का नाम भगवान की वाणी में आता ही नहीं है भव्य जीव ही प्रभु की वाणी सुनने धर्म देशना स्थल समवशरण में पहुंच कर दिव्य देशना सुनने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं समवशरण में शेर चीता गाय वैल सभी एक साथ बैठकर धर्म श्रवण करते हैं ऐसे समवशरण की रचना आपके नगर में की गई है आप सभी ऐसे अलौकिक समवशरण में बैठकर महा पूजन का सौभाग्य प्राप्त कर रहे हैं।
गाय के समान श्रोता वनकर संस्कार ग्रहण करे
उन्होंने कहा कि श्रोता भी तीन प्रकार के होते हैं हंस के समान जो अच्छी अच्छी बातें को सुन लेते हैं नीरज क्षीर विवेक की तरह अच्छी बातो को ग्रहण करते चले जाते हैं दूसरे गाय के समान श्रोता होते हैं जो दो पैर पानी में रखकर साफ पानी को ग्रहण करती है श्रोता भी अच्छी बात को आत्मसात कर लेते हैं तीसरे भैंस के समान श्रोता होते हैं जो पहले सारे पानी को मचा देते है फिर पानी पीतीं है ऐसे ही अच्छी बातों में जो क्षल ढूंढकर उत्पात मचाया करते हैं ऐसे श्रोता हमको नहीं वनना हमें अच्छे श्रोता बनकर संस्कार को प्रतिष्ठित करना है।
पूर्व की तरह ही समवशरण महा पूजन का आनंद लें
मध्यप्रदेश महासभा संयोजक विजय धुर्रा ने कहा कि प्रतिष्ठा प्रदीप भइया शुयस मुकेश भइया के निर्देशन में हमने पूर्व में भी दो दो बार समवशरण महा मंडल विधान पीत वस्त्र आभूषण के साथ विशेष पात्रों के साथ जिन आराधना की है ऐसे इस बार और बढ़ चढ़ कर उत्साह दिखाना है समाज अध्यक्ष राकेश कासंल महामंत्री राकेश अमरोद संयोजक उमेश सिघई युवा वर्ग संरक्षण शैलेन्द्र श्रागर ने बहार आये अतिथियों का सम्मान किया।

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