Sunday, September 22, 2024

क्रोध को नापने की नहीं कोई मशीन, जिनवाणी ही कर सकती जीवन में शांति: इन्दुप्रभाजी म.सा.

जिस दिन हमारी इच्छाएं खत्म हो जाएगी शुरू हो जाएगी धर्म की साधना: समीक्षाप्रभाजी म.सा.

सुनील पाटनी/भीलवाड़ा। दुनिया में सब कुछ मापने के लिए लीटर, मीटर, थर्मामीटर सहित जैसे यत्रं बने हुए है पर कोई यंत्र या मशीन ऐसी नहीं है जो क्रोध का नाप कर सके। शांत मन ही क्रोध को नियंत्रित कर सकता है। जो क्रोध नियंत्रित नहीं कर पाता है वह गलत कदम उठा लेता है। जिनवाणी से ही इहलोक हो या परलोक शांति की प्राप्ति होती है। जिनवाणी इच्छाओं पर भी नियंत्रण करता है। ये विचार भीलवाड़ा के चन्द्रशेखर आजादनगर स्थित रूप रजत विहार में मंगलवार को मरूधरा मणि महासाध्वी श्रीजैनमतिजी म.सा. की सुशिष्या महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने गुरूणी जैनमतिजी म.सा. की 106वीं जयंति के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय आयोजन के पहले दिन धर्मसभा में व्यक्त किए। पहले दिन घण्टाकर्ण महावीर स्रोत जाप के साथ कई श्रावक-श्राविकाओं द्वारा दो-दो सामायिक की साधना एवं एकासन तप आराधना की गई। उन्होंने जैन रामायण का वाचन करते हुए बताया कि किस तरह जब राम ओर सीता के वनवास में जाने के बारे में लक्ष्मण को सूचना मिलती है तो उसके मन में खलबली मच जाती है ओर सोचता है कि केकयी के मन में ऐसी कुमति क्यों आई। लक्ष्मण को गुस्सा आ रहा है कि जिनके राजतिलक की तैयारी हो रही थी उन्हें वनवास कैसे मिल गया। लक्ष्मण अपनी माता सुमित्रा से कहते वह भी भैया राम ओर भाभी सीता की सेवा के लिए उनके साथ वन में जाएंगे। धर्मसभा में तत्वचिंतिका डॉ.समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने कहा कि दुनिया की नजर में जीवन में आपकी उपयोगिता तब तक है जब तक उनके स्वार्थो की पूर्ति हो रही हो। व्यक्ति धर्म करने में भी फायदा देखता है लेकिन जब भी कोई परेशानी आए तो सबसे पहले धर्म का साथ छोड़ देता है। ऐसा धर्म काम नहीं आने वाला है। उन्होंने कहा कि जिस दिन हमारी इच्छा,कामना खत्म होगी धर्म शुरू हो जाएगा। अपेक्षा ओर इच्छाएं दुःख का कारण है। संकल्प करे कि प्रतिदिन हम कम से कम एक घंटे तक इच्छा नहीं करेंगे। इससे जो सुख शांति मिलेगी उसे महसूस करें। फिर समय बढ़ाते रहे जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। धर्मसभा में ने भजन की प्रस्तुति देने के साथ अधिकाधिक जिनवाणी श्रवण कर धर्म प्रभावना करने की प्रेरणा दी। धर्मसभा में आगम मर्मज्ञा डॉ. चेतनाश्रीजी म.सा., मधुर व्याख्यानी डॉ. दर्शनप्रभाजी म.सा.,आदर्श सेवाभावी दीप्तिप्रभाजी म.सा.,तरूण तपस्वी हिरलप्रभाजी म.सा. आदि ठाणा का सानिध्य भी रहा। धर्मसभा में अतिथियों का स्वागत श्री अरिहन्त विकास समिति द्वारा किया गया। सचंालन युवक मण्डल के मंत्री गौरव तातेड़ ने किया। समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सुकलेचा ने बताया कि पूज्य जैनमतिजी म.सा. की 106वीं जयंति के तीन दिवसीय आयोजन के तहत दूसरे दिन बुधवार को णमोत्थुणं का जाप, दो-दो सामायिक एवं आयम्बिल दिवस मनाया जाएगा। इसी तरह 19 अक्टूबर को गुणानुवाद के साथ तीन-तीन सामायिक एवं एकासन दिवस मनाया जाएगा। जयंति महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रवचन में तीनों दिन 11-11 लक्की ड्रॉ भी निकाले जा रहे है।

सर्वव्याधि निवारक घण्टाकर्ण महावीर स्रोत का जाप

रूप रजत विहार में मंगलवार को सुबह 8.30 बजे से सर्वसुखकारी व सर्वव्याधि निवारक घण्टाकर्ण महावीर स्रोत जाप का आयोजन किया गया। तत्वचिंतिका डॉ.समीक्षाप्रभाजी म.सा. ने ये जाप सम्पन्न कराया। इसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर सभी तरह के शारीरिक कष्टों के दूर होने एवं सर्वकल्याण की कामना की। चातुुर्मासकाल में प्रत्येक मंगलवार को सुबह 8.30 से 9.15 बजे तक इस जाप का आयोजन हो रहा है।

उत्तराध्ययन सूत्र की 21 दिवसीय आराधना 24 अक्टूबर से

महासाध्वी इन्दुप्रभाजी म.सा. ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र की 21 दिवसीय आराधना 24 अक्टूबर से 13 नवम्बर तक चलेगी। इसके माध्यम से उत्तराध्ययन सूत्र के 36 अध्यायों का वाचन भी पूर्ण किया जाएगा। नवपद ओली आयम्बिल आराधना 20 से 28 अक्टूबर तक होगी। ओली आयम्बिल आराधना के लाभार्थी गुलाबचंदजी राजेन्द्रजी सुकलेचा परिवार रहेगा।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article