Friday, November 22, 2024

‘अपने-अपने राम’ के दूसरे दिन कुमार विश्वास ने छोटी काशी में रामकथा का बांधा समां

भगवान श्रीराम की कथा सुन मंत्रमुग्‍ध हुए राज्यपाल

जयपुर। छोटी काशी के विद्याधर नगर स्टेडियम में विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति के तत्वावधान में चल रहे ‘अपने-अपने राम’ कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का शुभारंभ अंकिशा श्रीवास्तव ने म्हारो बेड़ो पार लगा दीज्यो सालासर हनुमान भजन से की। इसके बाद भजन कलाकार आकाश ने पार ना लगोगे श्रीराम के बिना भजन की प्रस्तुति दे श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।

राम संकटों से कभी नहीं हुए विचलित
अपने-अपने राम के द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए उद्बोधनपीठ से सुप्रसिद्ध कवि एवं लेखक डॉ. कुमार विश्‍वास ने ‘भगवान श्रीराम की कथा जीवन में उत्साह भर देती है’ विषय पर उद्बोधन दिया। समिति सचिव अनिल संत ने बताया कि डॉ. कुमार विश्वास ने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित प्रेरक प्रसंगों को वर्तमान जीवन शैली से जोड़कर उनकी व्‍याख्‍या की। उन्होंने कहा कि राम ने मनुष्य लीला कर मानव जाति को ये संदेश दिया है कि उनके जीवन में कष्ट ही कष्ट थे। राज्याभिषेक की जगह उन्हें 14 वर्ष का वनवास मिला और वहां भी पत्नी का हरण हो गया, प्रिय भाई लखन को शक्ति लगी लेकिन वे विचलित नहीं हुए। जबकि आज की युवा पीढ़ी ट्रांसफर होने से, आईआईटी का पहला एटेम्पट क्लियर नहीं होने या थोड़ा सा घाटा होने पर आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेती है। कविवर ने कहा कि इतना कुछ सहने के बाद भी श्रीराम ने पृथ्वी पर मानवता के लिए उत्पन्न हुए रावणरूपी संकट को उसके घर में जाकर खत्म किया ताकि लोग दशहरा और दिवाली मना सके। इसलिए युवकों को चाहिए कि जो अवसर खो दिया उसको अंतिम न मानें बल्कि और ज्यादा मेहनत करें।

अपने-अपने राम सुनने बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
शाम 6 बजे विद्याधर नगर स्टेडियम में ‘अपने-अपने राम’ के मंच पर जैसे ही कुमार विश्वास पहुंचे दर्शकों ने ताली बजाकर खड़े हो उनका अभिवादन किया। कुमार विश्‍वास की आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टि व शानदार आध्‍यात्मिक संगीत से भरे इस कार्यक्रम में सबसे ज्‍यादा संख्‍या युवाओं की रही। कुमार विश्‍वास ने बताया कि, श्रीराम के माध्‍यम से जीवन प्रबंधन का पाठ कैसे सीखा जा सकता है।

भजनों ने किया भाव-विभोर
डॉ. विश्वास ने जब मानवता की खुली आँख के सबसे सुंदर सपने राम और मैया तैने का ठानी मन में भजन सुनाया तो श्रोता भाव- विभोर हो गए। कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, स्वामी बालमुकुन्दाचार्य और पुनीत कर्णावट सहित राजनीतिक लोग, प्रशासनिक अधिकारी, न्यायिक अधिकारी और गणमान्य जन उपस्थित रहे। अपने-अपने राम कार्यक्रम का अंतिम सत्र मंगलवार को होगा।

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