Saturday, September 21, 2024

परम्परा और आधुनिकता की जुगलबंदी पर खूब रीझे खरीदार

हिडन ट्रेजर्स द्वारा आयोजित द उदयपुर फेस्टिव लाइफ़स्टाइल एग्जिबिशन सम्पन्न

उदयपुर। चाहे कला को सहेजने की बात हो या कला के नवरूपण की बात हो, परम्परा को आधुनिक रूप देने की बात हो या आधुनिकता में परम्पराओं की खुशबू मिश्रित करने की बात हो, आज के हुनरमंदों के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है। कुछ ऐसे ही हुनरमंदों की कला बुधवार को झीलों के शहर उदयपुर में जीवंत हो उठी। महिला आधुनिक परिधानों की श्रृंखला में परंपराओं के लाजवाब मिश्रण और कला के दर्शन ने प्रदर्शनी में आए तमाम खरीदारों को भी खासा प्रभावित किया। कहीं शिफॉन की साड़ी पर कशीदाकारी के काम ने आकर्षित किया तो कहीं तांबे की कलाकृतियों पर कृष्ण लीला के दर्शन ने ध्यान खींचा। इतना ही नहीं, प्रदर्शनी में लगी पारंपरिक और आधुनिक आभूषणों की विस्तृत रेंज ने भी आमजन को खासा लुभाया। मौका था हिडन ट्रेजर्स द्वारा आयोजित द उदयपुर फेस्टिव लाइफ़स्टाइल एग्जिबिशन का। उदयपुर के लेक एंड होटल में बुधवार को आयोजित इस एग्जीबिशन में कई डिजाइनर्स ने अपने कल्पनाओं को अपने हुनर के माध्यम से परिधानों को विविध रूप में प्रदर्शित किया। एक से बढ़कर एक परिधानों पर ऐसी कलाकृतियां थी जिसने वाकई साबित किया कि हिडन तेजस ने हुनर के छिपे खजाने को ढूंढ निकाला। दीपावली से ठीक पहले हुए इस शॉपिंग उत्सव में परिधानों के अलावा आभूषण, सजावटी सामग्री व अन्य हस्तशिल्प उत्पाद भी आकर्षण का केंद्र रहे। एक सामान्य सी साड़ी या कुर्ते पर भी कलाकारों की कुशल कारीगरी ने उन परिधानों का आकर्षण कई गुना बढ़ा दिया। हर परिधान, हर आभूषण बरबस ही सभी को अपनी ओर खींच रहा था। इस फेस्टिव में जयपुर की एथनिक डिजाइनर हर्षा सिंह का कलेक्शन भी छाया रहा। हर्षा सिंह का पिरोजा ब्रांड के कलेक्शन में शिफॉन पे ज़रदोज़ी, आरी तारी के काम ने हर खरीदार को लुभाया। उदयपुर शहर में पहली बार आई डिजाइनर हर्षा सिंह ने बताया कि उदयपुर में उनका पहला अनुभव है और उदयपुर के लोगों का प्यार और एथनिक कलेक्शन के प्रति उनके रुझान ने उनको अभिभूत किया है, अब उदयपुर के साथ उनका जुड़ाव और प्रगाढ़ हो गया है। उदयपुर के लोगों को आधुनिकता के साथ परंपरा का मिश्रण ज्यादा भाता है। उदयपुर के लोग पारंपरिक डिजाइन और पारंपरिक कारीगरी को पसंद भी करते हैं और उसे प्रोत्साहन भी देते हैं। उन्होंने कहा कि समय के साथ नई पीढ़ी में पारंपरिक भारतीय पहनावे के प्रति लगाव ने बदलाव के दौर की अलग संभावना को जगाया है।
रिपोर्ट/ फोटो : राकेश शर्मा ‘राजदीप’

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