Saturday, September 21, 2024

परमात्मा की अमृतमय वाणी को जीवन मे समावेश करने वाला दुखों और पीड़ाओ से छुटकारा प्राप्त कर सकता है: महासती धर्मप्रभा

सुनिल चपलोत/चैन्नई। विषयो और विकारों को छोड़ने वाले मनुष्य के जीवन में सुख आने मे ज्यादा समय नहीं लगता है। मंगलवार साहुकारपेट जैन भवन महासती धर्मप्रभा ने श्रध्दांलूओ को धर्म उपदेश देतें हुए कहा कि परमात्मा की वाणी मीठ्ठी और अमृत के समान है जो व्यक्ति भगवान की वाणी को अपने जीवन मे समावेश कर लेता है। वह संसार की सम्पूर्ण पीड़ाओं और दुखों से छुटकारा प्राप्त कर लेता है। तथा भोगो और कसायो के साथ विषयों के विकारो मे लिप्त रहने वाला इंसान हमेशा दुखी और पीड़ाओ व संकटों मे गिरा हुआ रहता है। ऐसा व्यक्ति जीवन प्रयाय सुख नहीं भोग सकता है।यह संसार असार है परमात्मा की वाणी सत्य है इस वितराग वाणी को जो भीतर मे उतार लेता है और उसे आत्म साध कर लेता है वह मनुष्य संसार के भौतिक वस्तुओं और विकारों के मोह से छुटकारा प्राप्त करके वह अपनी आत्मा को शुध्द बनाकर मोक्ष गति दिलवा सकता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने उत्ताराध्यय अध्ययन शास्त्र की गाथाओं का वर्णन करतें हुए बताया मनुष्य की दिशा अगर सही है तो वह अपनी तकदीर को बदल सकता है और संसार के तुच्छ साधनों को प्राप्त करने मे लग गया तो वह मनुष्य भव को बर्बाद और नीलम करके अपने भव को बिगाड़ लेगा।साहुकारपेट श्रीसंघ के कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया की धर्मसभा मे महासती धर्मप्रभा साध्वी स्नेहप्रभा के सानिध्य मे श्री एस.एस. जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी मंत्री सज्जनराज सुराणा,हस्तीमल खटोड़,सुरेश डूगरवाल,शम्भूसिंह कावड़िया तथा भारतीय जैन संघठना तमिलनाडु के उपाध्यक्ष दौलतराज बाठिया आदि सभी ने14 और 15 अक्टूम्बर को साहुकारपेट जैन भवन.मे दो दिवसीय बालिकाओं को आत्म निर्भर बनाने की स्मार्ट गर्ल्स वर्कशॉप कार्यशाला का पोस्टर विमोचन किया गया।

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