"खरा सो मेरा" की सोच अपनायें "मेरा सो खरा" के भ्रम में न रहें
गुंसी, निवाई। श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी के तत्वावधान में 15 – 24 अक्टूबर 2023 तक 10 दिवसीय महार्चना एवं विश्वशांति महायज्ञ जाप्यानुष्ठान का महाआयोजन होने जा रहा है। गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में आज के चातुर्मास कर्त्ता परिवार श्री जिनेन्द्र जी गंगापुर सिटी वालों ने हर्षोल्लास पूर्वक श्री शांतिनाथ महामण्डल विधान रचाया। भगवान शांतिनाथ की आराधना करते हुए मंडल पर 120 अर्घ्य चढ़ायें गये। विधान समापन के पश्चात मंगल आरती उतारी गई। प्रवचन सभा में उपस्थित श्रावकगणों को सदुपदेश देते हुए माताजी ने कहा कि – अनेकांत का अर्थ है – जीवन के सभी पहलुओं की एक साथ स्वीकृति। अनुभव के अनन्त कोश होते हैं और प्रत्येक कोण पर खड़ा आदमी सही है, लेकिन भूल वही हो जाती है जब वह अपने कोण को ही सर्वग्राही बनाना चाहता है। वस्तुतः हमारा अहंकार हमें तोड़ता है। अहंकार समस्याएं पैदा करता है। परंतु अनेकांत सह अस्तित्व की वकालत कर समस्याओं को दूर करता है। भगवान महावीर करते हैं कि मनुष्य अनेक संभावनाओं का पुंज है। मनुष्य क्या हर वस्तु में अनेक गुणों के अस्तित्व की संभावनाएं भरी पड़ी है। परंतु उसे समझने के लिए एक समग्र दृष्टि चाहिए। अनेकांत की सोच लेकर जीने वाला व्यक्ति “खरा सो मेरा” के आदर्श को अपनाता है।