जयपुर। विश्वमैत्री दिवस के उपलक्ष्य में प्राकृत- अध्ययन- शोध-केन्द्र, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर, जयपुर की ओर से दिनांक 5 अक्टूबर 2023 को विश्वविद्यालय के सभागार में मनाया गया। जिसमें केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर के निदेशक प्रो. सुदेश कुमार शर्मा ने अध्यक्ष रूप में, प्रो. वाई. एस. रमेश जी विशिष्ट अतिथि के रूप में एवं जैन अनुशीलन केन्द्र, राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. पी.सी.जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। डॉ. दर्शना जैन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं संयोजन किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने क्षमा की उत्पत्ति, उसका महत्व एवं क्षमा का समाज में क्या प्रभाव है इस पर प्रकाश डाला, विशिष्ट अतिथि ने विश्व मैत्री दिवस पर प्रकाश डालते हुये कहा कि यह दिन सभी के लिये है, यह केवल जैनधर्म का पर्व नहीं अपितु सम्पूर्ण मानव जाति का पर्व है। क्षमा मांगना बहुत कठिन है, जो यह कार्य कर लेता है, वहीं वास्तव में बलवान है। अन्त में अध्यक्षीय उद्बोधन में निदेशक महोदय ने विश्वमैत्री दिवस को प्रत्येक वर्ष उत्साह पूर्वक मनाने का सुझाव दिया और कहा आज के युग में विश्वमैत्री की अत्यन्त आवश्यकता है, यह क्रोध पर विजय का महत्वपूर्ण पर्व है, जिस प्रकार होली में आपस में मन मुटाव भुलाकर भाईचारा निभाया जाता है, उसी प्रकार विश्वमैत्री दिवस में वर्ष भर में की गई गलतियों के लिये क्षमा याचना कर मन को निर्मल बनाया जाता है। यह पर्व विभाव से स्वभाव में लौटने का मार्ग है। प्रत्येक छात्रों, अध्यापकों एवं कर्मचारियों को इस पर्व से सीख लेनी चाहिये और अपने सहपाठी अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र के साथ मैत्री पूर्ण भाव रखना चाहिये। इससे सौहार्द का विकास होता है। इस कार्यक्रम में सभी विभागों के अध्यापकगण एवं छात्रों की उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राकृत अध्ययन-शोध-केन्द्र के विकास अधिकारी डॉ. धर्मेन्द्र कुमार जैन, डॉ.सतेन्द्र कुमार जैन, डॉ. दर्शना जैन एवं डॉ. प्रभात कुमार दास ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। अन्त में शान्तिपाठ के साथ सभा का समापन हुआ।