मनोज नायक/अंबाह। आचार्य श्री विराग सागर महाराज जी के शिष्य क्षुल्लक श्री 105 विगुण सागर महाराज जी के सानिध्य में महावीर दिगंबर जैन मंदिर चुंगी नाका अंबाह में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी दशलक्षण पर्व के उपरांत बुधवार 4 अक्टूबर तिथी क्वारवदी छठ को 1:00 बजे भजन और शाम 3:00 बजे महामस्तकाभिषेक का कार्यक्रम रखा गया । जैन धर्म के अनुसार दसलक्षण पर्व आत्मा की शुद्धि का पर्व होता है। ताकि व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पा सके। इसलिए इन 10 दिनों में व्रत करने के साथ-साथ दस नियमों का पालन भी किया जाता है। दसलक्षण पर्व का हर दिन क्रमश: उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम आकिंचन एवं उत्तम ब्रह्मचर्य को समर्पित है। ताकि इन सभी को अपनापर व्यक्ति क्रोध, लालच, मोह-माया, ईर्ष्या, असंयम आदि विकारों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चल सके। पवन जैन ,मुरारी लाल जैन, अंतराम जैन, पप्पू जैन, महावीर जैन, सुमिति चंद जैन, जगदीश जैन, शिवदयाल जैन, विमल जैन पंडितजी, मुकेश जैन पंडित जी,दिलीप जैन, अनार चंद जैन, राकेश जैन,पिंकी जैन, सेंकी जैन, सौरभ जैन,कपिल जैन, आशीष जैन,विनोद जैन , अन्नू जैन, बंटी जैन,सत्यप्रकाश जैन और जैन समाज के वरिष्ठ लोग शामिल रहे।