जयपुर। श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मीरा मार्ग मानसरोवर में दिनांक 13 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक श्री सर्वतोभद्र महामंडल विधान का आयोजन तीन मुनिराजो के सानिध्य में होने जा रहा है। समिति के अध्यक्ष सुशील पहाड़िया ने बताया कि यह विधान जयपुर में लगभग 30 वर्ष पश्चात होने जा रहा है। इससे पूर्व यह विधान आचार्य श्री कुंथु सागर जी महाराज ने करवाया था। विराजित मुनिश्री108 जिनानंद जी महाराज ने बताया कि यह विधान तीन लोक के समस्त नव देवताओं की पूजा है। जिसमें 84 पूजाएं हैं।
जो अपने आप में स्वतंत्र हैं।
जैसे पांच भरत, पांच एरावत, संबंधी तीस चौबीसी के 720 प्रत्येक तीर्थंकर कहां-कहां हुए उनके नाम सहित क्षेत्र सहित पूजा। ऊर्ध्व लोक, मध्य लोक, पाताल लोक के समस्त जिनालियों के क्षेत्रवार पूजा। तीन लोक के समस्त अरिहंत, सिद्ध, आचार्य ,उपाध्यायों ,सर्व साधु जिन धर्म जिनालय, जिनागम, जिनबिंबो की बहुत ही विस्तृत जानकारी के साथ यह विधान है।
जिसमें भक्ति के साथ-साथ स्वाध्याय भी है।
इस विधान में बैठने के लिए लोगों में भारी उत्साह है। विधान के सभी प्रमुख पात्र एवं ध्वजारोहण कर्ता के नाम निश्चित हो गए हैं। विधान में लगभग 700 से अधिक पूजनार्थियों की व्यवस्था बैठने की व्यवस्था की गई है।
अभी तक काफी नाम आ चुके हैं।
स्थान सीमित है यदि आपका इस विधान में बैठने का मन हो तो शीघ्र ही कूपन प्राप्त कर लेवे।
आसपास के सभी मंदिरों मे समिति के माध्यम से कूपन प्राप्त कर सकते हैं । समिति के मंत्री राजेंद्र सेठी ने बताया कि इस विधान के विधानाचार्य श्री विजय भैया लखनादौन होंगे।
जिन्होंने पूर्व में भी जयपुर में कई विधान करवाए हैं।
मंत्री ने बताया कि इस विधान की तैयारी पूरे जोर-जोर से चल रही है जो कि लगभग पूर्ण हो चुकी है।