भीलवाड़ा। श्री बाहुबली जैन वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में अग्रवाल उत्सव भवन में श्रुत संवेगी मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में तपस्वीयों का सम्मान, कलशाभिषेक एवं क्षमावाणी पर्व उत्साह पूर्वक मनाया गया। मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने धर्म देशना में कहा कि धागा अखंड होता है यदि गांठ है, तो खोल देना। गलतफहमियां से जीवन में कषाय का निमित बनता हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन अपनी बुराई को त्याग करके जाना। परिवर्तन अपने अंदर से आना चाहिए। जीवों को दुख देकर निरंतर पाप कर रहे हो। तो सुख कैसे मिलेगा। मुनिश्री ने कहा कि मन- वचन- काय से सब जीवों को क्षमा करें। यही क्षमावाणी पर्व है। मुनि श्री ने कहा कि कोई नेतृत्व कर्ता की टांग खींचता है तो जैन समाज आगे कैसे बढ़ेगा। यह तत्व की बात है। जो झुकता है, उसकी मान कषाय छुटती है। जो क्षमा धारण करता है। वह बड़ा इंसान कहलाता है। इस दौरान पवन कुमार श्रीमती इंद्रा पाण्डिया परिवार द्वारा 10 उपवास करने वाले 28 तपस्यियों एवं पाच उपवास करने वाले 29 तपस्सियो को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देखकर भाव भिना सम्मान किया गया। सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार छाबड़ा ने सोसाइटी के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए कहा कि मोक्षरथ एवं डीफ्रिज चालू करने के बाद आगामी योजना के बारे में बताया कि समाज में एक एंबुलेंस चालू करने की योजना आज मुनिश्री ससंघ के सानिध्य में घोषणा कर रहे हैं। जनसमुदाय ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। तथा कई दानदाताओं ने स्वेच्छा से दान राशि देने की घोषणा की। जिसका सोसाइटी ने स्वागत किया। शुरुआत में शहर के सभी मंदिरों के पदाधिकारी एवं सोसाइटी के सदस्यों ने दीप प्रज्जवलित किया। मुनिससंघ का पाद पक्षालन किया। आदिनाथ महिला मंडल एवं ज्ञानमती महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। बाहुबली महिला मंडल सुन्दर भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी। छोटी बालिकाओं ने भक्ति नृत्य द्वारा मंगलाचरण किया। समारोह का संचालन पदमचंद कला एवं वीरेंद्र छाबड़ा ने किया। सोसाइटी के सचिव राजकुमार चौधरी ने सभी का सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। सोसाइटी के सदस्यों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर सहयोग प्रदान दिया।