आगरा। 1 अक्टूबर को श्री महावीर दिगम्बर जैन मन्दिर हरिपर्वत आगरा में प्रांगण में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनिश्री सुधासागर जी महाराज का 41वां दीक्षा समारोह श्रद्धा के साथ मनाया गया। मुनिश्री के दीक्षा दिवस पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों भक्तों ने भाग लिया। इस मौके पर धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। रविवार का दिन जैन धर्मावलंबियों के लिए बेहद खास रहा, आज के ही दिन मुनि सुधासागर जी महाराज ने तीस वर्ष पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से मुनि दीक्षा प्राप्त की थी। प्रांगण में आयोजित दीक्षा समारोह में मध्य प्रदेश,दिल्ली राजस्थान,महाराष्ट्र व गुजरात आदि प्रांतों से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया। सुबह जैसे ही मुनिश्री के संघ का मंच पर आगमन हुआ समूचा परिसर उनके जयकारों से गुंजायमान हो उठा।आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज के चित्र के सम्मुख चित्र अनावरण उत्तम चंद पाटनी,हुकुम चंद काका जी ने और आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी का महेंद्र कटारिया, प्रदीप जैन, पी.एन. सी,नीरज जैन जिनवाणी, प्रमोद कटारिया ने कियाl दीप प्रज्जवलन उत्तमचंद जी पंडाया जी कियाl आगरा की बालिका मण्डल ने मंगलाचरण का शुभारम्भ किया गया l किशनगढ़ से आए श्री अशोक पाटनी,आरके मार्बल परिवार ने मुनिश्री का प्राद प्रक्षालन किया। सुशील जी मोदी जी परिवार ने शास्त्र भेंट किए। आरती सौभाग्य श्री नन्द किशोर जी, प्रमोद जी जी ने कियाl पंकज जैन भीलवाड़ा राजस्थान ने भजन पर श्रृद्धालुओं के नृत्य ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद मंगलाचरण का किया गया, टीकमगढ़ की बालिकाओं ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया। सभी बालिका मण्डल की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन मनोज जैन ने किया l देश भर के श्रद्धालुजनों को मुनिश्री की भक्ति में लीन देख उनके पिता एवं भाई भावविभोर हो गए। श्री धर्म प्रभावना समिति ने मुनिश्री के पिता एवं भाई को सम्मानित किया| आयोजन को सफल बनाने में मुख्य संयोजक विनोद छाबड़ा, बाल ब्रह्मचारी प्रदीप भैया सुयश, ब्रह्मचारी विनोद भैया, ब्रह्मचारी मुकेश भैया जी, श्री धर्म प्रभावना समिति एवं श्री दिगम्बर जैन शिक्षा समिति एवं आगरा दिगम्बर जैन परिषद संस्थाओं का विशेष योगदान रहा| दीक्षा दिवस नहीं गुरुकृपा दिवस: मुनिश्री दीक्षा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुनिश्री सुधासागर जी महाराज ने कहा दीक्षा दिवस को कुछ लोग संयम दिवस कहते हैं तो कुछ अहिंसा दिवस, लेकिन मेरे लिए तो यह गुरूकृपा दिवस है। गुरू की दृष्टि उस शिल्पी की तरह होती है, जो पाषाण में योग्यता देखकर उसे ऊंचाइयों को छूने वाला बना देता है। ऐसे ही गुरु दीक्षा देकर भक्तों को मोक्ष के मार्ग पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि दिगंबर दीक्षा पाते ही परम करुणा व दया प्रकट हो जाती है। नीति आयोग की अर्चना जैन रही| दस दिन में बदल दिया मुनिश्री ने जीवन आगरा में चातुर्मास के दौरान पयूर्षण महापर्व पर मुनिश्री सुधासागर जी महाराज के सानिध्य में दस दिवसीय श्रावक संस्कार शिविर में शामिल हुए श्रावकों ने भक्तिभाव के साथ अपने अनुभव व्यक्त किए। धर्मसभा में श्री अशोक पाटनी जी,आर. के.मार्बल, प्रदीप जैन पीएनसी,निर्मल मोठ्या, मनोज जैन बाकलीवाल,नीरज जैन जिनवाणी, विनोद छाबड़ा,योगेंद्र खेकड़ा,अजय कटारिया, प्रमोद पहाड़िया, पन्नालाल बैनाड़ा,हीरालाल बैनाड़ा, हुकुम काका, विनोद गंगवाल, सुनील जैन ठेकेदार,जगदीश प्रसाद जैन,राजेश सेठी,अमित जैन बॉबी, पुष्पदंत जैन,राजेश जैन गया वाले, अनिल जैन, विजय कुमार धुर्रा,राकेश जैन पर्दे वाले वाले,राजेश जैन,शैलेंद्र जैन,संजय गदिया,सूरत गुजरात, समकित जैन,अंकेश जैन,मीडिया प्रभारी शुभम जैन,राहुल जैन,राजेश जैन, सकल समाज मौजूद था l जय कुमार से मुनि सुधासागर बनने का सफर वर्ष 1958 जनपद सागर अंतर्गत इशुरवारा निवासी श्रीचंद के पौत्र व ऋषभ जैन के पुत्र के रूप में जय कुमार का जन्म। वर्ष 1980 आचार्य श्री विद्यासागर जी से क्षुल्लक दीक्षा लेकर परम सागर बने। वर्ष 1983 आचार्य श्री से जैनेश्वरी दीक्षा लेकर बने मुनि सुधासागर महाराज। सम्मानित हुए गृहस्थ जीवन के पिता एवं भाई मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के 41वें दीक्षा समारोह में उनके गृहस्थ जीवन के पिता ऋषभ जैन एवं भाई रूपचंद जैन ने भी प्रतिभाग किया।
रिपोर्ट मीडिया प्रभारी शुभम जैन