जयपुर। मीरा मार्ग मानसरोवर जयपुर में आदिनाथ भवन में विराजमान आचार्य 108 श्री वसुनंदी जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्री जिनानंद जी महाराज ने उत्तम त्याग पर अपने प्रवचन में कहा कि त्याग के बिना जीवन फलता फूलता नहीं हैl इसीलिए किसान अच्छे बीजों का त्याग कर नई फसल के लिए रखता है और उससे और अच्छी फसल प्राप्त करता है। उत्तम त्याग के लिए न्यायपूर्ण धन का अर्जन कर त्याग करना चाहिए। नदियां अपना पानी लगातार त्याग करती रहती है। इस कारण से उसका पानी मीठा होता है परंतु समुद्र सिर्फ ग्रहण ही करता है और त्याग नहीं करता इसलिए वह खारा होता है। शास्त्रों में अपनी कमाई का कुछ अंश दान करने की महिमा बताई है। रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कड़ी में श्री आदिनाथ दिगंबर जैन महिला जागृति समिति द्वारा मुक्ति का स्वयंवर का नाटक का मंचन किया गया।