जयपुर। महल योजना युवा मंडल द्वारा जैन मुनियों एवं तीर्थंकरों की कठिन तपश्या का सजीव वर्णन झांकी द्वारा बताया गया। समिति प्रवक्ता अभिषेक सांघी ने कहा कि हुंडावसर्पिणी काल में सुपार्श्वनाथ, पार्श्वनाथ एवं महावीर भगवान तथा मांगतुंग आचार्य सुकुमार मुनि आदि भीषण उपसर्ग परिषय सहते हुए भी अपने एवं जगत के कल्याण हेतु मोक्ष मार्ग से नहीं डिगे। महिला मंडल अध्यक्ष सुनीता बड़जात्या एवं मंत्री मोना जैन ने बताया की पारसनाथ भगवान पर कमठ तथा महावीर भगवान पर संगम ने भयंकर उपसर्ग किए थे। युवा मंडल मंत्री धीरेंद्र एवं कोषाध्यक्ष नमन ने बताया की मानतुंग आचार्य ने भक्तामर जैसे कालजई स्त्रोत की रचना एवम् सुकुमाल मुनि ने भी अपने जीवन का उद्धार उपसर्ग सहते हुए ही किया था। झांकी के मुख्य अतिथि डॉ आशीष पायल जैन विशिष्ट अतिथि महावीर उषा किरण गोयल, दीपक रितु बोहरा रहे। मंदिर प्रबंधन कारिणी समिति ने आमंत्रित सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। झांकी कार्यक्रम में डॉ निर्मला संघी, विशाल बिलाला, आयुष गंगवाल, महेंद्र मित्तल, देवेंद्र अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।