Sunday, November 24, 2024

संकल्प से बड़े बड़े कार्य सिद्ध हो जाते है: मुनि श्री

240 घंटे तक बिना भोजन और जल के कर रहे है उपवास

घाटोल। वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर मे आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि विमल सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में एवं ब्रह्मचारी रजनीश भैया जी रहली के निर्देशन में दशलक्षण महापर्व उत्तम संयम धर्म के अंतर्गत रविवार को प्रातः काल प्रतिदिन प्रभात फेरी के साथ ही बच्चो को पुरस्कार दिए जा रहे है फिर मांगलिक क्रियाएं संपन्न हो रही है संगीत की स्वर लहरियों से राजेश शाह भजनों की प्रस्तुति दे रहे है। 725 वर्ष के इतिहास में प्रथम बार विशेष 1008 कलशों से मूलनायक श्री वासुपूज्य भगवान के मोक्षकल्याणक महोत्सव 28 सितंबर को महामस्तकाभिषेक होगा एवं दुनिया का पहला विशेष निर्वाण लाडू अर्पण किया जाएगा। इन लोगो ने आज नौवाँ उपवास किया यानि लगभग 240 घंटे तक बिना भोजन और जल के कर रहे है उपवास जिसमे कोई कोई 16 उपवास कोई 10 उपवास तो कोई पांच से अधिक उपवास कर रहा है जिसमें 16 उपवास धारक में अजित लालावत, राजेंद्र पारसोलिया, बदामीलाल धिरावत, श्रीमती निकिता पारसोलिया, श्रीमती प्रभादेवी पंचोरी, श्रीमती विनोद देवी लालावत एवं अनूप जोदावत का नौवां उपवास था और भी लगभग 200 लोगों ने लागातार पांच से अधिक उपवास किये है।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि विमल सागर महाराज ने कहा कि यह पर्व कर्म काटने के लिए आए है दस दिन में तो कुछ संयम का पालन करके लोग भक्ति, जाप, पूजा,उपवास कर लेते है लेकिन संयम की बात आती है तो पीछे रह जाते है संयम ही तीन लोक का नाथ बनाता है आदमी को जिन्होंने उपवास किए है हिम्मत का कार्य किया है 355 दिन असंयम में निकलता है व्यक्ति मूलनायक श्री वासुपूज्य भगवान का 1008 कलशो से महामस्तका अभिषेक होना चाहिए मोक्ष कल्याणक भगवान का ऐसा मनाना चाहिए की अलग ही आनंद आए आपकी दरिद्रता दूर हो अभिषेक करने से, अपने जीवन में शराब आदि नशे का सेवन नहीं करे, फास्ट फूड में मांस डला रहता है सुअर की चर्बी डलती है इनका त्याग करे, संकल्प से बंधने पर बड़े बड़े कार्य सिद्ध हो जाते है, मुनि अनंत सागर महाराज ने कहा कि इंद्रिय और मन पर लगाम लगाना संयम है, मन और इन्द्रियों के गुलाम है आप, संसारी प्राणी दिन रात खोटे कार्य में लगा है,आज संयम का दिन है, पल पल प्रसन्न रहे की हमने संयम धारण किया है, गाड़ी एक बार खरीदते है पेट्रोल प्रतिदिन डलवाना पड़ता है, आप अपने जीवन को असंयम से संयम की ओर मोड़ ले, आत्मा की सुरक्षा के लिए कभी कवच लगाया है क्या मुनि भाव सागर महाराज ने कहा कि जिनके पावो में चलने की तमन्ना नृत्य कर रही है जिन्हे कही पहुंचने की जिद है वे फिर थके हारे बैठे रह कर समय को सरकने नही देते वे रास्ता खोजते है राह ढूंढते है वहीं रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान जैन युवा संगठन ने जैन गोट टैलेंट का पार्ट वन का आयोजन किया गया जिसमें उदयपुर बांसवाड़ा सागवाड़ा धरीयावद प्रतापगढ़, दाहोद, संतरामपुर, डूंगरपुर, कुशलगढ़, मंदसौर इत्यादि दुर दराज से आए से प्रतिभागी ने अपने कला को नृत्य, नाटक, पेंटिंग, जूडो कराटे, सामूहिक नृत्य इत्यादि कला पेश की वही कार्यक्रम के दौरान जैन युवा संगठन के अध्यक्ष एवं मंत्री के साथी संगठन के सदस्य उपस्थित थे कार्यक्रम का संयोजन आगम ग्रुप ने किया एवं संचालन अंकेश सेठ एवं अल्पेश जोदावत ने किया
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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