सौरभ जैन/पिड़ावा। सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में पर्वाधिराज दस लक्षण पर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म व सुगंध दशमी का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। जैन समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल की दशमी को जैन मंदिरों में सुगंधित द्रव्यों द्वारा सुगंध करके यह पर्व मनाया जाता है। सुगंध दशमी के अलावा इसे धूप दशमी भी कहा जाता है इस व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्य बंध का लाभ होता है। इस दिन बहनों द्वारा उपवास भी किया जाता है। इस दिन पिड़ावा के सभी जिनालयों, कोटड़ी, भक्तामर विश्व धाम ड़ोला के जिनालयों में श्रावक श्राविकाओं अष्टदव्य के साथ धूप चढ़ाने जाते हैं अभी सभी मंदिरों में प्रतिदिन अभिषेक, शांति धारा, नित्य नियम पूजन,दशलक्षण धर्म की पूजन करते हुए श्रवणगण अपनी आत्म कल्याण में लगे हुए हैं व्रत, संयम धरण कर अपनी आत्मा का कल्याण कर रहे हैं नयापुरा के लाल मंदिर में दीदी द्वारा, श्री आदिनाथ जिनालय एवं पंच बालयति मंदिर स्वाध्याय भवन में पंडित शुभम शास्त्री भोपाल द्वारा, जूना मंदिर में 108 सूव्रत सागर महाराज व बाल ब्रह्मचारी संजय भैया पठारी द्वारा श्री सांवलिया पार्श्वनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बड़ा मंदिर में भैया अन्नु शास्त्री जबलपुर द्वारा तत्व चर्चा के माध्यम से ज्ञान की गंगा बह रही है। इस अवसर पर भैया अवधेश जैन पुत्र हटेसिंह जैन शहर मोहल्ला ने पंचमेरू जी के लगातार निर्जल पांच उपवास किये सभी मंदिरों में रात्रि में ब्रम्हानंद सागर पाठशाला के अध्यापक निक्कू जैन, आशिश जैन, रानी जैन, सोनु राजस्थानी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए जा रहे हैं।,वहीं नयापुरा के लाल जैन मंदिर में जागरण का भक्ति मय कार्यक्रम देर रात्रि तक चला।