Saturday, September 21, 2024

जिनालियों में कर्मों की निर्जरा हेतु सुगंध दशमी के पावन पर्व पर किया धूप खेवन

पंचेन्द्रियों पर नियंत्रण रखना उत्तम संयम धर्म कहलाता है: आर्यिका सुबोधमति माताजी

फागी। कस्बे सहित परिक्षेत्र के चकवाड़ा, चौरु, नारेड़ा, मंडावरी,मेहंदवास, निमेडा एवं लदाना सहित फागी कस्बे के आदिनाथ मंदिर, बीचला मंदिर, मुनिसुव्रतनाथ मंदिर ,त्रिमूर्ति जैन मंदिर , पार्श्वनाथ मंदिर,चंद्रप्रभु नसिया तथा चंद्रपुरी मंदिर सहित सभी जिनालयों में आज दशलक्षण पर्व के छठे दिन उत्तम संयम धर्म की पूजा की गई तथा सुगंध दशमी पर्व पर सांयकाल कर्मों की निर्जरा हेतु श्री जी के समक्ष धूप खेवन कर सुख शांति और समृद्धि की कामना की गई, धूप खेवन से सभी जिनालय खुशबू के वातावरण महक उठे,जैन महासभा के प्रतिनिधि राजा बाबू गोधा ने अवगत कराया इससे पूर्व प्रातः सभी जिनालियों में अभिषेक , शांतिधारा बाद अष्टद्वव्यों से पूजा की गई, गोधा ने अवगत कराया कि कस्बे में चल रहे दस दिवसीय सहस्त्रनाम जिन शासन विधान में पूज्यार्थियों द्वारा 100 अर्घ्य समर्पित किए गए, पवनकुमार- राजकुमार कागला परिवार ने विधान का पुण्यार्जन प्राप्त किया तथा आर्यिका सुबोधमति माताजी ने उत्तम संयम धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि पंचेन्द्रियों पर नियंत्रण रखना उत्तम संयम धर्म कहलाता है , उत्तम संयम से अनंत सुखों की प्राप्ति होती है। इसी कड़ी में महिला मंडल की मुन्ना कासलीवाल, मुन्ना अजमेरा,चित्रा गोधा तथा शोभा झंडा ने संयुक्त रूप से सुगंध दशमी के बारे में बताया कि महिलाओं द्वारा सुगंध दशमी का व्रत किया जाता है दिगंबर जैन समाज में सुगंध दशमी के व्रत का काफी महत्व है, महिलाएं हर वर्ष सुगंध दशमी का व्रत रखकर सुख समृद्धि की कामना करती है, इस व्रत को विधिपूर्वक करने से अशुभ कर्मों का क्षय होकर का पुण्यबंध का निर्माण होता है तथा स्वर्ग एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है, गोधा ने अवगत कराया कि धूप खेवन के पावन अवसर पर समाज के समाज के वयोवृद्व कपूर चंद जैन मांदी, कपूर चंद नला, पूर्व सरपंच ताराचंद जैन,मोहनलाल झंडा, प्यार चंद पीपलू,कैलाश कलवाड़ा ,सोहनलाल झंडा, प्रेमचंद भंवसा,रामस्वरूप जैन मंडावरा, रामस्वरूप मोदी,चम्पालाल जैन,केलास पंसारी,अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा, फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, पूर्व प्रधान महावीर प्रसाद बावड़ी, केलास कासलीवाल, महावीर कठमाणा,सुरेश सांघी, नेमीचंद कागला, सुरेश मांदी,पं.संतोष बजाज,केलास कडीला, सोभागमल सिंघल, भागचंद कासलीवाल, नवरत्नमल कठमाणा, महेंद्र कासलीवाल, नवरत्नमल मंडावरा,रतन नला, हरकचंद झंडा, रमेश बजाज, हरकचंद पीपलू, शिखर मोदी, सुनील गंगवाल,पारस चौधरी, सत्येन्द्र कुमार झंडा,सुरेश डेठानी,टीकम गिंदोडी, राजेंद्र कलवाडा,रमेश बावड़ी,बाबूलाल पहाड़िया, पवन गंगवाल, शांति लाल धमाणा,महेंद्र बावड़ी,पारस नला, विमल कलवाडा,चातुर्मास समिति के अध्यक्ष अनिल कठमाणा, उपाध्यक्ष सुरेंद्र बावड़ी, विनोद कलवाडा, ओमप्रकाश कासलीवाल, राजेंद्र मोदी,महावीर मोदी, महावीर बजाज,पदम बजाज,अग्रवाल समाज 84 के उपाध्यक्ष पवन कागला, शिखर गंगवाल,मुकेश गिंदोडी,पारस मोदी, विनोद मोदी,मितेश लदाना, कमलेश चौधरी, कमलेश सिंघल,बन्टी पहाड़िया,त्रिलोक पीपलू तथा राजाबाबु गोधा सहित सारे श्रावक श्राविकाएं साथ साथ थे।

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