विमल जोला/निवाई। पर्युषण महापर्व के चलते जैन मुनि शुद्ध सागर महाराज के सानिध्य में बिचला जैन मंदिर पर चातुर्मास के दौरान दस दिवसीय कल्पद्रुम महामण्डल विधान का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता विमल जौंला ने बताया कि शुक्रवार को सुबह श्रद्धालुओं ने श्री जी को विराजमान करके चारों दिशाओं से कलशाभिषेक किया गया जिसमें विधानाचार्य पण्डित सुरेश कुमार शास्त्री के मंत्रोच्चार के साथ जैन मुनि शुद्ध सागर महाराज के मुखारविंद से विश्व में शांति की कामना को लेकर बीजाक्षर युक्त भगवान शांतिनाथ की शांतिधारा की गई। कार्यक्रम में शांतिधारा करने का सौभाग्य सोधर्म इन्द्र महावीर प्रसाद छाबड़ा धनपति कुबेर इंद्र त्रिलोक जैन सिरस यज्ञनायक पारसमल सांवलिया चक्रवर्ती सम्राट हेमचंद संधी सानतकुमार इंद्र पुनित संधी माहेन्द्र इंद्र त्रिलोक पांडया ईशान इंद्र हुकमचंद गोधा विमल पाटनी राकेश संधी ज्ञानचंद सोगानी दिनेश सोगानी पदम चंद पराणा को मिला। जौंला ने बताया कि विधान में सभी इंद्र इन्द्राणियो ने गाजे बाजे से मण्डप पर श्री फल अर्ध्य समर्पित किए। विधान में देव शास्त्र और गुरु पूजन सुपार्श्वनाथ पूजन, शांतिनाथ पूजन उत्तम शौच धर्म पूजन के साथ कल्पद्रुम महामण्डल विधान की विशेष पूजा अर्चना की गई। जौंला ने बताया कि दशलक्षण धर्म के तहत सांयकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें गुरुवार को महिला मण्डल के द्वारा फेन्सी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें सभी विजेता प्रतिभागियों को त्रिलोक चंद राहुल कुमार जैन सिरस द्वारा पुरस्कार दिया गया।