Monday, November 11, 2024

आचार्य विद्यानन्द समाधि दिवस पर विनयांजलि अर्पण की

रात्रि में नृत्य नाटिका में दिखाया महावीर का जन्मोत्सव

जयपुर। जनकपुरी ज्योतिनगर जैन मंदिर में दस लक्षण पर्व के चौथे दिन शौच धर्म की पूजा की तथा राष्ट्र सन्त आचार्य श्री 108 विद्यानन्द समाधि दिवस पर विनयांजलि अर्पण की। प्रबन्ध समिति अध्यक्ष पदम जैन बिलाला ने बताया कि प्रातः मण्डल पर विश्व शान्ति हेतु बीजाक्षर युक्त शान्तिधारा करने का सोभाग्य केसर देवी बाकलीवाल व शरद गोधा परिवार को तथा वेदी पर सोभाग मल पाटनी परिवार को मिला। विधानाचार्य शिखर चंद जैन व किरण जैन द्वारा मधुर संगीत के साथ भक्ति कराते हुए पूजन करायी गई जिसका सभी ने मगन होकर आनन्द लिया। इसके बाद आचार्य विद्या नन्द जी की पूजा का अर्घ्य अष्ट द्रव्य व श्री फल के साथ समर्पित किया। विधानाचार्य ने आचार्य श्री की श्वेत पिच्छि के बारे में बताया की वर्ष 2010 में सरकार ने मोर पंख पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसका इनके सानिध्य में उस समय पुरज़ोर विरोध हुआ था। लेकिन इस मध्य विदेशी भक्तों ने सफ़ेद मोर पंख की पिच्छि की व्यवस्था इनके लिए कर दी थी तब से इन्हें श्वेत पिच्छाचार्य कहा जाता है। दोपहर में तत्वार्थ सूत्र के चौथे अध्याय का वाचन, शाम को सामयिक, आरती व प्रवचन का कार्यक्रम हुआ। पूर्व रात्रि में महिला मंडल द्वारा द्वारा लघु नृत्य नाटिका द्वारा भगवान महावीर के जन्म को भक्ति के साथ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुनीत कर्णावट का प्रबंध समिति ने स्वागत कर जनक-ज्योति स्मारिका भेंट की।

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article