शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर के मुखारबिंद से 24 सितम्बर से श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव
भीलवाड़ा। विश्व शांति सेवा समिति के तत्वावधान में शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से 24 सितम्बर रविवार से शुरू होने वाली सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव कथा की तैयारियां पूरी कर ली गई है। हरणी महादेव रोड स्थित हनुमान टेकरी के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में आरसी व्यास कॉलोनी स्थित मोदी ग्राउण्ड पर प्रतिदिन दोपहर एक से शाम 5 बजे तक होने वाली कथा से जुड़ी तैयारियों के बारे में समिति के पदाधिकारियों ने शुक्रवार दोपहर कथा स्थल पर मीडियाकर्मियों को जानकारी दी। समिति के महासचिव एडवोकेट राजेन्द्र कचोलिया ने मीडियाकर्मियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। महोत्सव का आगाज पहले दिन रविवार सुबह 11.15 बजे देवरिया बालजी से कथास्थल तक विशाल कलश शोभायात्रा के साथ होगा। इसमें मातृशक्ति के साथ समाज के हर वर्ग के भक्तगण भी शामिल होंगे। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में परम पूज्य बागेश्वर धाम सरकार पीठाघीश्वर पं. श्री धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्रीजी महाराज की एक दिवसीय गरिमामय उपस्थिति रहे इसके लिए अर्जी लगाई हुई है हालॉकि अभी कोई तिथि तय नहीं हुई है। समिति के संयोजक श्यामसुन्दर नौलखा ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों से धर्मनगरी भीलवाड़ा में एक बार फिर से शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर जी महाराज के मुखारबिंद से भागवत भक्ति की रसघारा प्रवाहित होगी। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव आयोजन को सफल बनाने एवं समाज के हर वर्ग की इसमें सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई है। समिति के अध्यक्ष आशीष पोरवाल ने बताया कि कथा आयोजन को लेकर भीलवाड़ा में भक्तों में उत्साह का माहौल है। आयोजन को सफल बनाने के लिए विभिन्न समितियों का गठन करने के साथ अलग-अलग दायित्व सौंपे गए है। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एडवोकेट हेमेन्द्र शर्मा ने कहा कि धर्मरत्न शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर के मुखारबिंद से हजारों भक्तगण श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कर सकेंगे। आयोजन स्थल पर वाहन पार्किंग सहित सभी जरूरी सुविधाओं का प्रबंध किया जा रहा है। कथास्थल पर भव्य विशाल वाटरप्रूफ डोम का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। पत्रकार वार्ता में समिति के कोषाध्यक्ष राकेश दरक, सचिव धर्मराज खण्डेलवाल, सह सचिव बालमुकुंद सोनी, संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट, समिति सदस्य सत्यनारायण मूंदड़ा, रामकिशन सोनी, जगदीश खण्डेलवाल, महेन्द्र खण्डेलवाल आदि भी मौजूद थे। कथा की व्यवस्थाओं के लिए आरसी व्यास कॉलोनी सेक्टर-9 स्थित रूद्राक्ष अपार्टमेंट में कार्यालय संचालित हो रहा है।
क्या होगा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव में
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के तहत विभिन्न प्रसंगों का व्यास पीठ से धर्मरत्न शांतिदूत श्री देवकीनंदनजी ठाकुर के मुखारबिंद से वाचन होगा। इसके तहत 24 सितम्बर को श्रीमद् भागवत महात्मयम्, व्यास नारद संवाद, कुंती स्तुति, 25 सितम्बर को कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, धु्रव चरित्र, 26 सितम्बर को जड़भरत संवाद, नृसिंह अवतार, वामन अवतार, 27 सितम्बर को श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 28 सितम्बर को भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला, गोवर्धनपूजा, छप्पन भोग, 29 सितम्बर को उद्धव चरित्र, रूक्मिणी विवाह, रास पंचाध्यायी एवं 30 सितम्बर को द्वारिका लीला, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष प्रसंगों का वाचन किया जाएगा एवं व्यास पूजन पूर्णाहुति होंगी।
कौन है पं. श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज
भारतीय संस्कृति के पर्याय एवं संस्कारों के संवाहक पूज्य पं. श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज का जन्म बृजभूमि में स्थित मथुरा क्षेत्र के औहवा ग्रामीण अंचल में कुलीन ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करने के साथ ही श्रीधाम वृन्दावन की कृष्णलीला मंडली में भागीदारी करने के साथ सत्गुरू श्री पुरूषोत्तमशरण शास्त्री का शिष्यत्व प्राप्त कर प्राचीन भारतीय ग्रंथों का गहन अध्ययन किया। आपने रामकथा, कृष्ण कथा एवं भागवत कथा के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराईयों को दूर करने का संकल्प लिया हुआ है। वर्ष 1997 से प्रारंभ भागवत भक्ति की यात्रा अपने 600वें पड़ाव को भी पार कर चुकी है। भक्ति मार्ग की ओर प्रेरित करने वाली आपकी सरल शैली से प्रभावित होकर महान संत जगद्गुरू निम्बकाचार्य श्रीमहाराज ने आपको शांतिदूत की उपाधि प्रदान की। ज्योतिष पीठाघीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाराज द्वारा 19 दिसम्बर 2017 को धर्मरत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया। वर्ष 2011 में 19 जनवरी को इंदौर के दशहरा मैदान में एक लाख से अधिक भक्तों को कथा श्रवण कराने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया। मानव सेवा के लक्ष्य से आपके द्वारा वर्ष 2006 में विश्व शांति सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की गई। इसके माध्यम से सेवा के प्रकल्प गौरक्षा अभियान, गंगा-यमुना प्रदूषण मुक्ति, दहेज प्रथा उन्मूलन, जल एवं पर्यावरण संरक्षण, जाति भेद के विरूद्व जागरूकता एवं संस्कारों के बीजारोपण आदि चलाए जा रहे है। भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए दुनिया के कई देशों की यात्रा कर चुके है।
श्यामसुंदर नौलखा
संयोजक, विश्व शांति सेवा समिति, भीलवाड़ा