Saturday, September 21, 2024

उत्तम शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है: गणिनी आर्यिका श्री आर्षमति माता जी

आगरा। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर ओल्ड ईदगाह कॉलोनी में गणिनी आर्यिका श्री आर्षमति माता जी के मंगल सानिध्य एवं पंडित राजेन्द्र जैन भैया जी के निर्देशन में दशलक्षण महापर्व का चौथे दिन उत्तम शौच धर्म के रुप में मनाया गया। भक्तों ने चौथे दिन का शुभारंभ भगवान पार्श्वनाथ का अभिषेक एवं शांतिधारा के साथ किया| इसके बाद पंडित राजेन्द्र जैन शास्त्री के कुशल निर्देशन में मंत्रोच्चारण के साथ श्रीजी के समक्ष अर्घ्य अर्पित कर उत्तम शौच धर्म की पूजन की मांगलिक क्रियाएं संपन्न की| गुरुमां ने उत्तम शौच धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तम शौच धर्म का दिन है। उत्तम शौच धर्म पवित्रता का प्रतीक है। यह पवित्रता संतोष के माध्यम से आती है। जैसे जैसे लाभ व्यक्ति का होता है वैसे वैसे लोभ बढ़ जाता है। लोभ से इच्छा और इच्छा से तृष्णाएँ बढ़ती है| जिसकी पूर्ति कर पाना कभी संभव नहीं है। लोभ पाप का बाप है। संपूर्ण अनर्थों की जड़,कषायों का जनक है। ऐसे लोभ से मित्रता छोड़कर स्वयं के गुणों की मित्रता करें यही भावना है। साय:काल 7:00 बजे से भक्तों ने श्रीजी की मंगल आरती की साय:8:00 बजे से महिला मंडलों द्वारा नेमी राजुल का वैराग्य के नाटिका की प्रस्तुति की।

रिपोर्ट- मीडिया प्रभारी शुभम जैन

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