समर्पित प्रयास व प्रभू अनुकंपा से सफलता मिलती है: स्वामी स्वामी स्वरूपामृता चैतन्य
फरीदाबाद। अमृता अस्पताल में संचालित अमृता पाठशाला के 40 से अधिक बच्चों को संबोधित करते हुए स्वामी स्वरूपामृता चैतन्य ने कहा, जीवन में सफलता पाने के लिए समर्पित प्रयास व प्रभू अनुकंपा का संयोग महत्वपूर्ण है। कोई भी नाव एक पतवार से लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकती, दोनों पतवार चलाने से ही लक्ष्य मिलेगा, प्रयत्न और प्रभु कृपा हमारे जीवन की नाव के दो पतवार हैं। अमृता पाठशाला के बच्चों को नए स्कूल बैग, किताबें, स्लेट व बहुत सुंदर नए कपड़े बेटियों को दिए गए। वर्धमान महावीर सेवा सोसायटी व श्री अभिनव जैन के सौजन्य से यह सामग्री बच्चों को मिली, जिस पर बच्चे हर्ष, आनंद व संतुष्टि से भर गए। सर्वप्रथम पूज्य अम्मा जी के चित्र के समक्ष स्वामी जी, डॉ सुभाष जैन, अभिनव जैन, लवण जैन, अरुण जैन ने दीप प्रज्वलित कर अम्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। स्वामी जी, सुभाष जैन, अभिनव जैन, लवण जैन, अरुण जैन, श्रीमती दीपा गर्ग, श्री एम एल जैन ने बच्चों को नई ड्रेस व स्कूल बैग दिए। सुभाष जैन संस्थापक अध्यक्ष वर्धमान महावीर सेवा समिति ने कहा, इन बच्चों में मैं प्रभू का स्वरूप देखता हूं। देशभर के ये बच्चे अम्मा की अनुकंपा व स्वामी निजामृतानंद पुरी जी के आशीर्वाद से शिक्षा, संस्कार, भोजन व सुखद भविष्य पा रहे हैं। यही अम्मा की कृपा का प्रतीक है। लगभग 2 वर्ष से मैं इन बच्चों के बीच आ आनंद की अनुभूति करता हूँ। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अरुण जैन ने कहा, अमृता पाठशाला, स्वामी जी और श्री सत्यानंद मिश्रा (ईडी) की प्रेरणा का प्रतीक है। इसके बारे में बात करते हुए पाठशाला की उपलब्धियों के विषय के सबको बताया, जो निश्चित रूप से सभी को रोचक और प्रेरक लगा। उन्होंने सभी दान दाताओं का आभार व्यक्त करते हुए सभी से पूज्य अम्मा के सेवा प्रकल्पों में जुड़ने का आह्वान किया। नए सामान पाकर बच्चों के मन में उल्लास भर गया। कार्यक्रम का सफल आयोजन में जे एस एन की श्रीमती पूनम, श्रीमती मिथलेश और राजेश कुमार की टीम का भी समर्पित योगदान रहा।यह कार्यक्रम अमृता हॉस्पिटल में एन. टी.2 के सभागार में संपन्न हुआ।