Saturday, September 21, 2024

आर्जव धर्म हमें सरलता की ओर जाने का उपदेश देता है परिणाम की सरलता ही आर्जव धर्म है : मुनि श्री सुयश सागर गुरुदेव

झुमरीतिलिया। जैन धर्म का महान पर्व दसलक्षण पर्व का तीसरा दिन जैन समाज के श्रद्धालु भक्त जनों ने उत्तम आर्जव धर्म के रूप में मनाया झुमरी तिलैया में चातुर्मास कर रहे जैन मुनि श्री सुयश सागर गुरुदेव ने अपनी पियूष वाणी में भक्त जनों को कहा कि आर्जव धर्म हमें सरलता की ओर जाने का उपदेश देता है परिणाम की सरलता ही आर्जव धर्म है कुटिल प्रेम का जहां पर त्याग किया जाता है वहीं पर आर्जव धर्म प्रकट होता है। दूसरे को दिखाने और छिपाने की कोशिश कभी मत करिए आप जितना सरल होंगे अंतरंग का आनंद उतना अधिक बढ़ेगा । प्रकृति का दिया जीवन ही आर्जव धर्म है धर्म हमें सरलता सीखाता है मन वचन काय की एकता जहां पर होती है वहीं पर आर्जव धर्म की सार्थकता होती है सरलता जहां नहीं है वहां पर सत्य भी नहीं पनपता है सरलता सभी धर्म की आधारशिला है मोक्ष मार्ग की प्राप्ति के लिए सरल होना जरूरी है धर्म एक ही है धर्म में भेद नहीं है सभी धर्म हमें सरलता सीखना है जैसा हम दिखाते हैं वैसे हम है नहीं मनुष्य के दिमाग में कुछ चलता है मन में कुछ चलता है एक दूसरे के प्रति मायाचारी का भाव रखने के कारण क्रोधित और दुखी होता है स्वयं और स्वयंभू से हम कुछ भी नहीं छुपा सकते हैं वह सब कुछ जानते हैं एक ही परिवार में व्यक्ति बाप बेटा पत्नी चाचा भतीजा सभी आपस में मायाचारी कुटिलता का भाव रखते हैं सच और झूठ करते हैं और यही मायाचारी स्वभाव जीवन में दुख का कारण बनता है मन वचन काय से किया जा रहे छल को छोड़ना ही आर्जव धर्म है आज मनुष्य गिरगिट से ज्यादा रंग बदल रहा है अपने स्वभाव और पहचान को दूर करता जा रहा है एक चेहरे पर अनेक चेहरे दिखाई दे रहे हैं हकीकत कुछ और है दिखावा कुछ और है और यही मायाचारी व्यवहार के कारण ही दुखी है और कष्ट झेल रहा है अपने प्रति इमानदार बनिए हम जैसा दिख रहे हैं वैसा है नहीं बनावटी दिखावटी और सजावटी चेहरों को बदलना चाहिए मनुष्य का जीवन बांसुरी की तरह होना चाहिए जहां हमेशा सुरीली आवाज ही निकलती है जो अंदर और बाहर एक होता है अपने प्रति इमानदार बनिए सबके प्रति ईमानदार रहिएगा अपने आप को सरल बनाने पर ही भक्ति पूजा और व्यापार सफल हो सकता है। आज प्रातः नया जैन मंदिर में प्रथम अभिषेक ओर शांतिधारा का सौभाग्य शांति लाल-राजेश देवी छाबडा के परिवार को ओर बड़ा जैन मंदिर के मुलवेदी पर अशोक -अनिल पाटोदी, 1008 आदिनाथ भगवान का , पारस सेठी भगवान का मंगल विहार ओर प्रथम अभिषेक मुकेश-मोना छाबडा, ओर विशेष मुनि के मुखर बृंद से अभिषेक शांतिधारा स्वर्ण कलश से संजय-अजय बड़जात्या, ओर रजत कलश से मुकेश,मोना छाबडा को प्राप्त हुआ,ओर आज का चरण पखारने ओर शास्त्र भेंट का सौभाग्य सुरेश नरेंद्र प्रेम बिना अरिहंत झांझरी परिवार को प्राप्त हुआ प्रातः पूजा कार्य में अभिषेक पंडित जी और सुबोध गंगवाल ने अपने भक्ति संगीत से श्रद्धालुओं को आनंदित किया। दिन में मुनि श्री द्वारा तत्वार्थ सूत्र का वाचन के साथ शाम को भव्य आरती और संस्कृत का कार्यक्रम किया जाएगा।

यह सभी जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा, नविन जैन नेदी

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